कोच्चि: कोरोना वायरस से प्रभावित इटली में फंसे हुए 21 यात्रियों को शनिवार को यहां लाया गया, जिसके बाद उन्हें जांच के लिए अलुवा अस्पताल ले जाया गया। हवाईअड्डा सूत्रों ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि कई भारतीय यात्री टिकटें होने के बावजूद यूरोपीय देश में फंसे हुए हैं। डीजीसीए ने एक परिपत्र जारी कर शर्त रखी थी कि इटली या दक्षिण कोरिया से आने वाले और भारत में प्रवेश करने के इच्छुक यात्रियों को इन देशों से कोविड-19 के लिए जांच में संक्रमित न पाए जाने का प्रमाण पत्र लेना होगा।
इसके बाद इटली के अधिकारियों और अमीरात की एयरलाइनों ने उन्हें लाने से इनकार कर दिया था। इटली में एक हवाईअड्डे पर फंसी एक महिला को केरल की टिकट बुक कराने के बाद एक वीडियो में कहते हुए सुना गया, ‘‘हम कहां जाए?’’ यह वीडियो वायरल हो गई। उसके जैसे कई यात्रियों को अपने गृह राज्य केरल लाने के लिए अनुरोध करते हुए सुना गया।
एक अन्य महिला यात्री ने वीडियो में कहा, ‘‘हम इटली में काम करने के लिए केरल से आए। हम प्रवासी हैं। हमने अपनी नौकरियों और घरों को छोड़ दिया। आप बताए हमें क्या करना चाहिए? अपने राज्य के अलावा हम कहां जाएंगे?’’ इटली में हवाईअड्डों पर फंसे 300 भारतीयों में बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।
एक अन्य यात्री ने कहा कि अमीरात एयरलाइन और इटली प्रशासन उन्हें भारत ले जाने के लिए तैयार थे लेकिन भारत सरकार ने प्रमाण पत्र पर जोर दिया। इस बीच, कोचिन इंटरनेशन एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) ने टर्मिनलों पर आगुंतकों के प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। सीआईएएल ने सभी यात्रियों से अपने साथ हवाईअड्डा आने वाले लोगों की संख्या कम करने का भी अनुरोध किया है।
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