केरल में नहीं थम रहा कोरोना की रफ्तार, आज फिर आए 20 हजार से अधिक नए मामले, 127 लोगों की मौत
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कोविड-19 प्रबंधन और कानून व व्यवस्था की स्थिति को लेकर केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) की सरकार को खरी-खरी सुनाई।
तिरुवनंतपुरम: केरल में कोरोना वायरस संक्रमण से मंगलवार को और 127 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अभी तक कुल 18,870 लोगों की मौत संक्रमण से हुई है। राज्य सरकार द्वारा आज जारी बुलेटिन के अनुसार, संक्रमण के 21,613 नये मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक कुल 37,03,578 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अभी तक कुल 35,29,465 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए हैं, जबकि 1,75,167 मरीजों का फिलहाल उपचार चल रहा है। बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1,39,623 नमूनों की जांच हुई है। संक्रमण के नये मामलों में से 92 स्वास्थ्यकर्मी हैं, 92 राज्य के बाहर से आए हैं, संक्रमितों के संपर्क में आने से 20,248 लोग बीमार हुए हैं जबकि 1,181 लोगों के संक्रमण का स्रोत ज्ञात नहीं है।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कोविड-19 प्रबंधन और कानून व व्यवस्था की स्थिति को लेकर केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) की सरकार को खरी-खरी सुनाई और कहा कि इसके लिए उसकी राजनीतिक उदासीनता जिम्मेदार है। कोझिकोड में पार्टी के जिला कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संबोधन के दौरान राजधानी दिल्ली में नौ साल की एक बलात्कार पीड़िता दलित बच्ची के माता-पिता की तस्वीर ट्विटर पर साझा करने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और उनके इस आचरण को ओछी राजनीति का जीता जागता प्रमाण करार दिया।
उन्होंने कोविड प्रबंधन को लेकर केरल सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि वहां की वामपंथी सरकार जिस केरल मॉडल की दुहाई दे रही थी वह दरअसल उसके कुप्रबंधन का मॉडल है। उन्होंने कहा, ‘‘आज कहां है वह मॉडल? क्या गलती हुई जो औसतन 20 हजार संक्रमण के मामले रोज यहां आ रहे हैं। आज भी एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले हैं केरल में। यह कोविड प्रबंधन नहीं हैं बल्कि कुप्रबंधन है। यह केरल मॉडल नहीं है, बल्कि कुप्रबंधन का मॉडल है।’’ उन्होंने दावा किया कि केरल में कोविड-19 की 70 प्रतिशत से अधिक एंटीजन जांच की गई जबकि जांच का सबसे बेहतर तरीका आरटी पीसीआर है।
केरल में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए उन्होंने इसे भी एक कारक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड प्रबंधन में सरकार को अतिसक्रिय भूमिका निभानी थी, जो केरल की वामपंथी सरकार ने नहीं निभाई। ’’ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों के साथ केरल की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि केरल से अधिक आबादी होने के बावजूद इन प्रदेशों ने बेहतर कोविड प्रबंधन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के हाल ही के केरल दौरे और कोविड प्रबंधन के लिए राज्य सरकार की सराहना करते मीडिया में छपे बयानों पर नड्डा ने कहा कि मंत्री ने अपनी बात अधिकारियों को बताई होगी ना कि पत्रकारों को।
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