पटना: बौद्धधर्मावलंबियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बोध गया के महाबोधि मंदिर के करीब पांच साल पहले हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी पांच दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार ने बोध गया में 2013 में हुए विस्फोट मामले के सभी पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही इन पर अर्थदंड भी लगाया। इंडियन मुजाहिद्दीन के इन पांचों आतंकवादियों को अदालत ने 25 मई को दोषी करार दिया था।
एनआईए के विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद ने बताया कि अदालत ने उमेर सिद्दिकी, अजहरूद्दीन कुरैशी, हैदर अली, मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी को बोध गया में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इन सभी पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
उमेर और अजहर छत्तीसगढ़ के रायपुर के निवासी हैं जबकि अन्य तीन झारखंड के रांची के रहने वाले हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल पटना की जेल में बंद हैं। उल्लेखनीय है कि सात जुलाई 2013 की सुबह महाबोधि मंदिर में एक के बाद एक धमाके हुए थे, जिससे पूरा क्षेत्र दहल गया था। इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे।
बोधगया विस्फोट के मामले में एनआईए ने करीब 90 गवाहों को अदालत में पेश किया और 11 मई, 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 25 मई तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 25 को पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।
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