अरुण जेटली ने किया नोटबंदी का पुरजोर बचाव, राहुल ने बताया सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी का पुरजोर बचाव करते हुए कहा है कि पुराने बड़े नोटों का चलन बंद करने के इस फैसले पर हाय-तौबा करने वाले आज गलत साबित हो चुके हैं, दो साल के आंकड़ों से यह साफ है कि नोटबंदी के बाद करदाताओं की संख्या में उछाल आया है
नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी का पुरजोर बचाव करते हुए कहा है कि पुराने बड़े नोटों का चलन बंद करने के इस फैसले पर हाय-तौबा करने वाले आज गलत साबित हो चुके हैं, दो साल के आंकड़ों से यह साफ है कि नोटबंदी के बाद करदाताओं की संख्या में उछाल आया है, संगठित अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है तथा भारत लगातार पांचवें साल सबसे तीव्र आर्थिक वृद्धि करने वाली वाली बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब बरकार रखे हुए है।
नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर जेटली ने फेसबुक पर ‘नोटबंदी का प्रभाव’ शीर्षक से लिखे एक लेख में जेटली ने कहा कि देश में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 80 प्रतिशत उछलकर 6.86 करोड़ तक पहुंचना, डिजिटल लेन-देन में वृद्धि, गरीबों के हित के काम और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए संसाधन की अधिक उपलब्धता आठ नवंबर 2016 के नोटबंदी के कदम की मुख्य उपलब्धियां हैं। चलन से 500 और 1,000 रुपये के नोट को हटाने से सरकार उन लोगों को का पता लगाने में कामयाब हुई जिन्होंने ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखे हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘नकदी जमा करने से संदिग्ध 17.42 लाख खाताधारकों का पता चला। उन लोगों से बिना सीधे कार्रवाई किए आनलाइन जवाब प्राप्त किये गये...।’’ धन के बैंक खातों में जमा होने से उसके मालिकों को आयकर रिटर्न भरने को मजबूर होना पड़ा और इससे कर दाताओं की संख्या बढ़कर 6.86 करोड़ हो गयी जो मई 2014 में 3.8 करोड़ थी। जेटली ने कहा, ‘‘इस सरकार के पांच साल पूरे होने तक, हम करदाताओं की संख्या को दोगुना कर चुके होंगे।’’ विपक्षी दलों की आलोचनाओं का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि तीव्र आर्थिक वृद्धि दर ने निराशा की बातें करने वाले आलोचकों को गलत साबित किया है। उन लोगों ने यह भविष्यवाणी की थी कि नोटबंदी से आर्थिक वृद्धि दर में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी, वे सभी गलत साबित हुए।
राहुल ने कहा- नोटबंदी ‘आत्मघाती हमला’ था, जनता पूरा सच जानकर रहेगी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी सरकार का यह कदम खुद से पैदा की गई ‘त्रासदी’ और ‘आत्मघाती हमला’ था जिससे प्रधानमंत्री के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ ने अपने कालेधन को सफेद करने का काम किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि नोटबंदी की पूरी सच्चाई अभी सामने नहीं आई है और देश की जनता पूरा सच जानने तक चैन से नहीं बैठेगी। गांधी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत के इतिहास में आठ नवंबर की तारीख को हमेशा कलंक के तौर पर देखा जाएगा। दो साल पहले आज के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने देश पर नोटबंदी का कहर बरपाया। उनकी एक घोषणा से भारत की 86 फीसदी मुद्रा चलन से बाहर हो गई जिससे हमारी अर्थव्यवस्था थम गई।’’
राहुल ने दावा किया कि नोटबंदी एक त्रासदी थी। अतीत में भारत ने कई त्रासदियों का सामना किया है। कई बार हमारे बाहरी दुश्मनों ने हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन हमारी त्रासदियों के इतिहास में नोटबंदी अपनी तरह की एक अलग त्रासदी है जिसे खुद से लाया गया। यह एक आत्मघाती हमला था जिससे करोड़ों जिंदगियां बर्बाद हो गईं और भारत के हजारों छोटे कारोबार नष्ट हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब लोग हुए, लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे को बदलवाने के लिए कई दिनों तक कतारों में खड़े रहना पड़ा।100 से अधिक लोगों की कतारों में मौत हो गई्’’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को बताया तबाही वाला कदम
कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा प्राहार किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर प्रहार किया और कहा कि अर्थव्यवस्था की ‘तबाही' वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है तथा इसके घाव गहरे होते जा रहे हैं। नोटबंदी के पीछे तर्क पर सवाल उठाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर स्वयं से कुरेदा गया गहरा जख्म करार दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कुछ मुट्ठी भर लोगों को लाभ पहुंचाने के लिये नोटबंदी का कदम उठाया गया है। इससे आम लोग प्रभावित हुए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने साधा वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने नोटबंदी के संदर्भ में वित्त मंत्री अरुण जेटली के ताजा बयान की आलोचना करते हुए कहा कि जेटली को याद दिलाया जाना चाहिए कि उन्होंने नोटबंदी के बारे में पहले क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने इस विषय पर उच्चतम न्यायालय में क्या बात कही थी। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वित्त मंत्री कहते हैं कि नोटबंदी का मकसद मुद्रा की जब्ती नहीं था। क्या कोई उनको याद दिलाएगा कि उन्होंने मीडिया से क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को क्या बताया था?’’ उन्होंने कहा, ‘‘तीन से चार लाख करोड़ रुपये हासिल करने का सपना था। बैंक काउंटरों पर मनी लॉन्ड्रिंग के कारण यह दिवा स्वप्न साबित हुआ।’’