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Hindi News भारत राष्ट्रीय 19 दिन में 2.38 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, अमरनाथ यात्रा के लिए एक और जत्था रवाना

19 दिन में 2.38 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, अमरनाथ यात्रा के लिए एक और जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को जम्मू से 4,094 श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ। इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 19 दिनों में 2.38 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं।

<p>Hindu devotees on their way to the holy cave shrine of...- India TV Hindi Image Source : PTI Hindu devotees on their way to the holy cave shrine of Amarnath, at Pahalgam in Anantnag district of Jammu and Kashmir.

जम्मू: अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को जम्मू से 4,094 श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ। इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 19 दिनों में 2.38 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 19 दिनों में 2,38,974 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं।

पुलिस ने कहा कि भगवती नगर यात्री निवास से 4,094 यात्रियों का एक जत्था शनिवार को दो सुरक्षा काफिलों में रवाना हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, "इनमें से 1,686 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 2,408 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं।" श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है।

तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं। बालटाल मार्ग से लौटने वाले श्रद्धालु दर्शन करने वाले दिन ही आधार शिविर लौट आते हैं। दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं। स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है।

पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी। किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था। लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है। इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा।

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