जरूरतमंद लड़कियों को फ्री में सेल्फ डिफेंस के गुर सिखा रही हैं 17 साल की अवनि!
कभी आप पूर्वी दिल्ली के झुग्गी इलाके में जाएं और आपको कुछ लड़कियां ताईक्वांडो की ट्रेनिंग लेती मिल जाएं तो अचरज मत कीजिएगा क्योंकि...
नई दिल्ली: मनचलों को सबक सिखाने के लिए सिर्फ 17 साल की अवनि देश की तमाम लड़कियों को ‘सेल्फ डिफेंस’ सिखाना चाहती हैं। कभी आप पूर्वी दिल्ली के झुग्गी इलाके में जाएं और आपको कुछ लड़कियां ताईक्वांडो की ट्रेनिंग लेती मिल जाएं तो अचरज मत कीजिएगा। स्लम में रहने वाली इन लड़कियों को एक मुहिम के तहत मुफ्त में प्रशिक्षण कोई और नहीं बल्कि अवनि भारती देती है। अवनि लड़कियों को उन मनचलों से बचने के लिए प्रशिक्षण देती है, जो सरे राह लड़कियों के साथ छेड़खानी करने से बाज नहीं आते।
उम्र के जिस पड़ाव में बच्चे अपना ज्यादा समय खेलने और कूदने में बिताते हैं उस समय अवनि ने मैदान में अपना पसीना बहाना शुरू किया। महज 4 साल की अवनी ने ताईक्वांडो में अपना ध्यान लगाया और 2010 में ब्लैक बेल्ट हासिल किया। अवनि ने जिदगी का सबसे बड़ा फैसला तब किया जब उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने इस हुनर को उन जरूरतमंद लड़कियों तक पहुंचाया जाए जिन्हें इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है। ऐसी लड़कियां जो पैसे के अभाव में या फिर किसी और वजह से महरुम रह जाती है ताईक्वाडों जैसी सेल्फ डिफेंस आर्ट से।
इसके बाद अवनि ने झुग्गी बस्ती में रहने वाली लड़कियों को जाकर ताईक्वांडो सिखाना शुरु किया। अवनि का मानना है कि रेप और छेड़खानी के पीछे एक बहुत बड़ा कारण समाज में अशिक्षा और लड़कियों के साथ उनके अभिभावकों का जागरूक ना होना है। अवनि ने स्लम इलाके में जाकर लोगों से मुलाकात की और उनको समझाया कि लड़कियों को अपनी सुरक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस सीखना कितना जरूरी है। कई लोगों को ये बात स्लम में रहने वाले ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आई, क्योंकि उनका कहना था कि वे अपनी लड़कियों को घर से बाहर नहीं भेजना चाहते, क्योंकि स्लम का माहौल बहुत ही खराब है।
अवनि बताती हैं कि झुग्गी में रहने लोग एक अच्छा काम कर रहे थे कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे थे। तब उन स्कूलों में गई जहां पर स्लम में रहने वाली ये लड़कियां पढ़ती थीं। वहां पर टीचरों से बात कर उनको भरोसे में लिया और उनसे कहा कि वे लड़कियों के माता-पिता से इस बारे में बात करें। अवनि की ये तरकीब काम कर गई और कुछ लड़कियों के माता-पिता अपनी लड़कियों को ट्रेनिंग में भेजने के लिए तैयार हो गए। जैसे-जैसे अवनि ने लड़कियों की ट्रेनिंग शुरू की वैसे-वैसे उनमें कॉन्फिडेंस आता गया और लड़कियों की तादाद बढ़ती गई। आज त्रिलोकपुरी की झुग्गी की करीब 100 लड़कियों को अवनि सेल्फ डिफेंस के गुर सिखा चुकी हैं।
अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में अवनि का मानना है कि उसकी कोशिश हर उस लड़की तक पहुंचने की है जिसे ये पता नहीं सेल्फ डिफेंस होता क्या है और अगर पता भी है तो किसी ना किसी वजह से वह नहीं सीख पा रही है। उन लड़कियों को उस मुकाम तक पहुंचाया जाय जहां से वो पीछे मुड़कर नहीं देखे और सबसे बड़ी बात जब घर से निकल तो सिर झुकाकर नहीं बल्कि सिर उठाकर चले।