छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ हुई पुलिस की मुठभेड़ में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए है। शहीद हुए सुरक्षाकर्मी 5 एसटीएफ और 12 डीआरपी के है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार की दोपहर को लगभग ढाई बजे चिंतागुफा थाना क्षेत्र में निमपा के जंगल में पुलिस बल सर्चिग पर निकला था।
इस दल में डिस्टिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरपी) और एसटीएफ के जवान थे। तभी जंगल में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने सुरक्षा जवानों पर हमला बोल दिया। दोनों ओर से गोलीबारी का दौर शनिवार की रात तक जारी रहा। रात को 13 जवानों के लापता होने की पुष्टि की गई थी। राज्य के मंत्री सिंहदेव ने रविवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए 17 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए, 17 जवानों के लापता होने की पुष्टि की थी। बाद में इन सभी जवानों की शहादत की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के हमले का जवाब दिया। सूत्रों से पता चला है कि नक्स्ली बड़े पैमाने पर आधुनिक हथियार भी लूट कर ले गए हैं। वहीं, मुठभेड़ में घायल हुए 14 जवानों का रायपुर के अस्पताल में इलाज जारी है। इन घायलों को देखने मुख्यमंत्री बघेल रामकृष्ण केयर अस्पताल पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माओवादी हमले की रविवार को यह कहते हुए निंदा की कि सुरक्षाकर्मियों के पराक्रम को नहीं भुलाया जाएगा। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए माओवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को मेरी श्रद्धांजलि। उनका पराक्रम कभी भुलाया नहीं जाएगा।’’ उन्होंने इन शहीदों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’
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