नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 16 वर्षीय बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मुकदमे में जिरह के दौरान बार-बार अपना बयान बदल कर शिकायतकर्ता ने अभियोजन का पक्ष कमजोर कर दिया। अवर सत्र न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने बलात्कार और पॉक्सो कानून के तहत व्यक्ति के खिलाफ दर्ज मुकदमा खारिज कर दिया क्योंकि लड़की ने अदालत को बताया कि मामा के साथ झगड़े को लेकर उसने झूठा आरोप लगाया था।
जज ने कहा , मुकदमे की सबसे महत्वपूर्ण गवाह , अभियोजन पक्ष की गवाह -1 ने यह कहकर अभियोजन पक्ष का मुकदमा खराब कर दिया कि आरोपी ने उसके साथ कुछ गलत नहीं किया है। आरोपी ने मामा से झगड़ा किया था और इसी बात से गुस्सा होकर उसने शिकायत दर्ज करायी थी। उन्होंने कहा, ऐसे में अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह असफल रहा है।
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