दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़): दंतेवाड़ा जिले में 16 नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से दो नक्सलियों के सिर पर इनाम की घोषणा की गई थी। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि जिले के बचेली और किरंदुल क्षेत्रों में सक्रिय नक्सलियों ने किरंदुल शहर में आत्मसमर्पण करते हुए कहा कि पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ ने उन्हें इसके लिए (आत्मसमर्पण करने के लिए) प्रेरित किया। साथ ही, वे ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा से भी निराश थे।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रशासन ने ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) अभियान शुरू किया है। अधिकारी ने बताया कि पिछले साल जून में शुरू किये गये ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत जिले में अब तक 288 नक्सली हिंसा की राह छोड़ चुके हैं। उनके अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस के साथ एक ‘तिरंगा’ रैली में भी भाग लिया और पौधे लगाए, जबकि महात्मा गांधी के (अहिंसा के) विचारों का प्रसार करने के लिए उनकी पुण्यतिथि पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई।
पल्लव ने बताया कि इन 16 नक्सलियों में से मदकम हुर्रा (28) और हुंगा बसरा (35) के सिर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि 14 से अधिक आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मदकमिरस गांव से हैं। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तत्काल सहायता के रूप में दस हजार रुपये दिये गये है और आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेगी।
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