गुवाहाटी: असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के संक्रमण से पिछले कुछ दिनों में 13 हजार से अधिक सूअरों की मौत हो गई है। इससे पशुपालन में लगे सैकड़ों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है और असम में नौ जिलों में सूअरों की मौत होने की जानकारी मिली है। अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) की वजह से पिछले कुछ दिनों में कुल 13,013 सूअरों की मौत हुई है।
एएसएफ असम में सबसे पहले इस वर्ष फरवरी में सामने आया था। उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘संक्रमण छह जिलों से तीन और जिलों माजुली, गोलाघाट और कामरूप मेट्रोपॉलिटन में फैल गया है।’’ शुरुआत में राज्य के छह जिलों डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, धेमाजी, लखीमपुर और बिश्वनाथ जिले में संक्रमण सामने आया था।
असम के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और जंगली सूअरों को जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अगोराटोली रेंज के अंदर छह फुट गहरी और दो किलोमीटर लंबी नहर खोदी गई है ताकि आसपास के गांवों से जंगली सूअर वापस आ सके और घरेलू सूअर पार्क में प्रवेश ने करें।
बोरा ने कहा कि राज्य नियमित रूप से केंद्र को स्थिति से अवगत करा रहा है। इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पशु चिकित्सा एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पशु को बीमारी से बचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के राष्ट्रीय सूअर अनुसंधान केंद्र (एनपीआरसी) के साथ मिलकर काम करें।
बोरा ने कहा कि विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो बढ़कर लगभग 30 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मंजूरी के बावजूद, राज्य सरकार ने सूअरों को तुरंत नहीं मारने का फैसला किया है और बीमारी के प्रसार को रोकने का वैकल्पिक विकल्प चुना है।
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