नई दिल्ली: डाक विभाग द्वारा चलायी जाने वाली विभिन्न बचत योजनाओं के तहत करीब 1,000 करोड़ रुपये की ऐसी राशि पड़ी हुई, जिसके बारे में कोई दावा नहीं किया गया है।
संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक सवाल के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि डाकघरों के बचत बैंक में 1,000.61 करोड़ रुपये बगैर दावे के पड़े हैं।
इंदिरा विकास पत्र के लिए 894.59 करोड़ रुपये, पांच वर्षीय राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के लिए 60.02 करोड़ रुपये, सावधिक जमा के लिए 24.20 करोड़ रुपये के अलावा कुछ और राशि भी बगैर दावे के पड़ी है।
प्रसाद ने कहा, 'बगैर दावे की राशि होने का मुख्य कारण बहुत पहले बंद कर दी गई लघु बचत योजनाओं में जमाकर्ताओं द्वारा निवेश की गई धनराशि के परिपक्व होने के बाद उस राशि को नहीं निकाला जाना है।'
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