नयी दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाली हर चार छात्राओं में से एक को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। एक छात्र संगठन की आडिट रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने सुरक्षा पर ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है। इसमें यूनिवर्सिटी के 50 विभागों और कॉलेजों को शामिल किया गया । दिल्ली यूनिवर्सिटी से करीब 80 कॉलेज संबद्ध है।
यह ऑडिट रिपोर्ट आज जारी की गयी। इसके मुताबिक 50 विभागों / कॉलेजों में से 22 ने अपनी यौन उत्पीड़न रोधी पैनल-आंतरिक शिकायत समिति में लोकतांत्रिक तरीके से छात्र प्रतिनिधियों को नहीं चुनकर यूजीसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। ऑडिट के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी के 24 कॉलेजों और विभागों में सर्वेक्षण किया गया। कुल 810 छात्र - छात्राओं ने सवालों के जवाब दिये। इसमें करीब 90 प्रतिशत महिलाएं और 10 प्रतिशत पुरूष थे।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ हर चार छात्राओं में से एक ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की। यौन उत्पीड़न के 188 मामलों में 40 मामले शारीरिक उत्पीड़न के थे। उत्पीड़न के पांच में से एक मामला जबरदस्ती छूने या पकड़ने का था। उत्पीड़न के प्रत्येक पांच मामलों में से एक सोशल मीडिया पर ट्रोल करने या कॉल या लिखित वाट्सएप मैसेजों के जरिए उत्पीड़न का था।’’ जवाब देने वाले तकरीबन 80 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने परिसर में असुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय या कॉलेज प्रशासन की ओर से कदम नहीं उठाने को जिम्मेदार ठहराया।
एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रूचि गुप्ता ने कहा, ‘‘ ऐसा ऑडिट आगामी दिनों में देश के अन्य नामी विश्वविद्यालयों में भी कराया जाएगा। कैंपस में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग को लेकर नार्थ कैंपस में एक मई को मार्च का आयोजन किया जाएगा । ’’
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