नई दिल्ली: एक नए अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों के न्यूरोलॉजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ पर यह संक्रमण कैसे प्रभाव डालता है। पता चला है कि कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद तीन में से एक शख्स को छह महीनों में न्यूरोलॉजिकल या मानसिक समस्याओं से गुजरना पड़ा है।
बुधवार को 'द लैंसेट साइकेट्री जर्नल' में प्रकाशित अध्ययन में यह बात कही गई है।अध्ययन ने 230,000 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को ध्यान में रखा, जो कोरोना वायरस को हराकर ठीक हुए हैं। अध्ययन के अनुसार, 34 प्रतिशत लोगों को छह महीने के भीतर न्यूरोलॉजिकल या मनोरोग संबंधी बीमारी से पीड़ित पाया गया।
अधिकांश में एंग्जायटी की शिकायत मिली। ऐसे 17% लोग मिले जबकि 14% लोगों में मूड डिसऑर्डर की शिकायत की जानकारी मिली।विश्लेषण करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी तक यह साफ नहीं है कि मनोरोग से यह वायरस कैसे जुड़ा है लेकिन चिंता और डिप्रेशन उन 14 बीमारियों में सबसे आम बीमारियां पाई गईं, जो कोरोना होने के बाद ठीक हुए लोगों में पाई गईं।
वहीं, शोधकर्ताओं ने कहा कि स्ट्रोक, डिमेंशिया और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे मामले भी मिले, लेकिन यह बेहद ही दुर्लभ थे। इस अध्ययन को अपनी तरह की सबसे बड़ी स्टडी बताया गया है। अध्ययन के लिए जिन लोगों का डाटा लिया गया, उनमें ज्यादातर अमेरिकी हैं।
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