नयी दिल्ली: देश भर के किसान संघों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि 26 और 27 अगस्त को राष्ट्रीय सम्मलेन के दौरान कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के लिए भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे। किसान नेताओं ने बताया कि तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के नौ महीने पूरे होने पर सिंघू बॉर्डर पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य देश भर के किसानों को एक साथ लाना है- कोहर
किसान नेता अभिमन्यू कोहर ने कहा, “हमारे अन्य कार्यक्रमों के विपरीत, राष्ट्रीय सम्मेलन में सामूहिक सभा या रैली नहीं होगी, बल्कि, देश भर के किसान संघों के 1,500 प्रतिनिधि दो दिनों के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक साथ आएंगे और हमारे प्रदर्शन को तेज करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।” उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य देश भर के किसानों को एक साथ लाना है, ताकि हर कोई इस निर्णय प्रक्रिया में शामिल हो सके कि प्रदर्शन को कैसे आगे बढ़ाया जाए।
सम्मेलन में 5 सितंबर को होने वाली महापंचायत को लेकर भी होगी चर्चा
कोहर ने कहा, “हम नौ महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। यह कोई कम समय नहीं होता है। हम सभी को शामिल करना चाहते हैं, और पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और उत्तर के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहते हैं… हर कोई यहां होगा।” सम्मेलन में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें पांच सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में होने वाली किसानों की 'महापंचायत' शामिल है। उन्होंने कहा, “हमारी अगली रणनीति पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली 'महापंचायत' है, जिस पर भी सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। महापंचायत की तैयारी जोरों पर है। मुझे पता है कि कम से कम 5,000 वाहन मुजफ्फरनगर जाएंगे।”
किसानों के प्रदर्शन के 26 अगस्त को नौ महीने पूरे हो जाएंगे
बता दें कि, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन के 26 अगस्त को नौ महीने पूरे हो जाएंगे। किसान तीन कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। इन अधिनियमों को लेकर उन्हें आशंका है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म कर देंगे और उन्हें बड़े कारोबारी घरानों की दया पर छोड़ देंगे। किसानों और सरकार के बीच 10 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन गतिरोध खत्म करने को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला है। राष्ट्रीय सम्मेलन का केंद्र बिंदु सिंघू बॉर्डर होगा लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में भी समानांतर रूप से सभाएं होंगी।
राज्यों से आने वाले किसान प्रतिनिधियों के लिए सिंघू बॉर्डर पर ठहरने की व्यवस्था की जाएगी
चंडीगढ़ में किसान नेता परमजीत सिंह ने कहा कि "किसानों के साथ-साथ आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों" पर चर्चा करने के लिए लगभग 2,000-2,5000 लोगों के एक साथ आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “हम सेक्टर 25 में मैदान में इकट्ठा होंगे जहां एक मंच बनाया जाएगा। राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान किसी दिन राकेश टिकैत के आने व सभा को संबोधित करने की उम्मीद है।” सिंह ने कहा, “आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर चर्चा के लिए विभिन्न कृषि संघों के नेता भी भाग लेंगे।” उन्होंने कहा कि किसानों ने सुनिश्चित किया है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे और लोगों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा, “किसान शुरू से ही अपनी मांगों को लेकर काफी स्पष्ट रहे हैं। सरकार ही जिद पर अड़ी है।” किसान नेताओं के अनुसार केरल, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों से आने वाले प्रतिनिधियों के लिए सिंघू बॉर्डर पर ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
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