Delhi High Court's Decision On Paramilitary Forces: दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्धसैनिक बलों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अर्धसैनिक बलों में आवास किराया भत्ता (एचआरए) अधिकारी स्तर से नीचे के कर्मियों (पीबीओरआर) तक ही सीमित नहीं होना चाहिए और रैंक की परवाह किए बिना सभी को यह मिलना चाहिए। कोर्ट के इस फैसले से कर्मचारियों में खुशी की लहर है। इससे हजारों कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद है। कोर्ट ने इस आदेश को लागू करने के लिए सरकार को छह हफ्ते का समय दिया है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने कहा कि अपने परिवारों से दूर रहने की सुरक्षा कर्मियों की इच्छा शक्ति का वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में और आम लोग सम्मान करते हैं। पीठ ने केंद्र को उन्हें आवास किराया भत्ते का लाभ देने के लिए छह सप्ताह के भीतर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सहायक कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट और सेकेंड-इन-कमांड रैंक वाले ‘ग्रुप ए’ के अधिकारियों की याचिकाओं पर यह आदेश दिया है। याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार के कार्यालयी आदेशों को चुनौती दी थी, जिसमें केवल अधिकारी स्तर से नीचे के कर्मियों को बलों में अपने परिवारों को तैनाती वाली जगह के अलावा अन्य स्थानों पर रखने के लिए एचआरए देने की बात कही गई थी। मगर अब यह फैसला अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक पर लागू होगा।
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