आपको आमिर खान की थ्री ईडियट फिल्म तो याद होगी। इसमें आमिर खान ने रणछोड़दास श्यामलदास चांचड़ उर्फ रैंचो का किरदार निभाया था। रैंचो का यह किरदार लेह के वैज्ञानिक और समाजसेवी सोनम वांगचुक से मिलता जुलता है। सोनम वांगचुक विज्ञान के मजेदार प्र्रयोगों को सस्ती तकनीक के विकास को लेकर इंटरनेट की दुनिया पर छाए रहते हैं।
इस बीच हांड़ कंपा देने वाली सर्दी के बीच लेह के -15 डिग्री तापमान में सोनम की तस्वीर आई है। आज जहां पूरे उत्तर भारत में जारी शीत लहर के चलते अधिकतर भागों में ठंड का प्रकोप है। वहीं कश्मीर और लदाख इस समय जमा देने वाली बर्फीली ठंडक झेल रहा है। ऐसे मौसम में भी सोनम वांगचुक के कमरे का तापमान 24 डिग्री है। वह भी बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक अप्लाइंस या फिर लकड़ी या कोयले की आग से।
दिल्ली से गर्म लदाख में वांगचुक का कमरा
सोनम वांगचुक ने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली के ठंड से लद्दाख के अपने गर्म कमरे में आना श्निर्वाणाश् की तरह हैण् इस मौसम में दिल्ली में टीशर्ट पहनने की कभी कल्पना भी नहीं कर सकते हैंण् एक समय था जब लद्दाख के लोग सर्दी के मौसम में दिल्ली प्रवास पर जाते थेण् लेकिन अब समय बदल चुका हैण् लद्दाख में लगाए गए Passive Solar और Earth Buildings के लिए धन्यवाद, यहां बाहर का तापमान -15 डिग्री है और अंदर का तापमान -24 डिग्री सेल्सियस है,
सोलर पावर का चमत्कार
सोनम वांगचुक ने अपने ट्वीट कर कहा कि Passive Solar और Earth Buildings की वजह से लद्दाख में भी टीशर्ट पहना हूं। अब लोगों को लद्दाख की सर्दी से बचने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। यह चमत्कार वांगचुक के सोलर पावर और अर्थ बिल्डिंग जैसे विज्ञान के अनुप्रयोगों से संभव हुआ है। सोनम लंबे समय से मिट्टी और लकड़ी जैसी प्राकृतिक चीजों से मकान बनाने पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा वे गर्मी के सीजन में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्नो स्तूप जैसे प्रयोग भी कर रहे हैं।
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