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Hindi News भारत गुड न्यूज़ पन्‍ना की खदान ने 57 साल बाद उगला हीरा, मजदूर को खुदाई में मिला दूसरा सबसे बड़ा डायमंड

पन्‍ना की खदान ने 57 साल बाद उगला हीरा, मजदूर को खुदाई में मिला दूसरा सबसे बड़ा डायमंड

मोती लाल प्रजापति नाम के एक मजदूर को पट्टे पर ली जमीन में खुदाई करने पर अब तक का दूसरा सबसे बड़ा बेशकीमती हीरा मिला है।

<p>Diamond </p>- India TV Hindi Image Source : GOOGLE IMAGES Diamond 

नई दिल्‍ली। कहते हैं किस्‍मत हीरे की तरह चमकनी चाहिए, लेकिन मध्‍य प्रदेश के पन्‍ना में एक मजदूर की किस्‍मत ही हीरे ने चमका दी। मोती लाल प्रजापति नाम के एक मजदूर को पट्टे पर ली जमीन में खुदाई करने पर अब तक का दूसरा सबसे बड़ा बेशकीमती हीरा मिला है। यह हीरा 42 कैरेट और 59 सेंट का है। हीरे की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। मोतीलाल ने हीरे को फिलहाल ट्रेजरी में जमा करा दिया है। अगले महीने नीलामी के बाद इसकी वास्‍तविक कीमत का पता चल सकेगा।

कभी अपने बेशकीमती हीरों के लिए प्रसिद्ध पन्‍ना में 57 साल के बाद इतना बेशकीमती हीरा मिला है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार मोती लाल ने राज्‍य के हीरा विभाग से एक जमीन का हिस्‍सा पट्टे पर लिया है। मंगलवार को जब वे रोज की तरह खुदाई कर रहे थे, तभी कई कंकड़ उनके हाथ में आए, इसमें से एक पत्‍थर बेहद चमकीला था। जब उसे धोकर साफ किया गया तो मोतीलाल की आखें फटी की फटी रह गईं। उनके हाथ में एक बेशकीमती हीरा था।

1961 में मिला था आखिरी बेशकीमती हीरा

हीरा लेकर मोतीलाल जिला हीरा अधिकारी के पास पहुंचे तो उन्‍हें बताया गया कि 57 साल बाद पन्‍ना में जैम क्‍वालिटी का बेशकीमती हीरा प्राप्‍त हुआ है। हीरा कार्यालय के मुताबिक इससे पहले 1961 में रसूल मोहम्‍मद को 44 कैरेट 55 सेंट का कीमती हीरा प्राप्‍त हुआ था।

11 प्रतिशत देनी होगी रॉयल्‍टी

सूत्रों के मुताबिक अब इस हीरे की नीलामी होगी। जिसमें से 11 प्रतिशत रॉयल्‍टी और 1 फीसदी इनकम टैक्‍स काटा जाएगा। पैन कार्ड न होने की स्थिति में मोतीलाल को 20 प्रतिशत टैक्‍स देना होगा, वे इसे बाद में क्‍लेम कर सकते हैं।

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