भारत के पर्यटन स्थल दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं। लेकिन पिछले 6 वर्षों में भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में जिस प्रकार इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है। उससे देशी और विदेशी पर्यटकों का आकर्षण तेजी से बढ़ा है। सोमवार को आगरा में मेट्रो रेल परियोजना की लॉन्चिंग के मौके पर प्रधानमंत्री ने बताया कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति कितनी बेहतर होती जा रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब ट्रेवल एंड टूरिज्म कंपीटिटिव इंडेक्स में 34वें नंबर पर आ गया है। जबकि 2013 में 65वें नंबर पर रुका पड़ा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे जैसे कोरोना की स्थिति सुधरती जा रही है वैसे ही बहुत जल्द टूरिज्म सेक्टर की रौनक भी लौट आएगी।
दरअसल प्रधानमंत्री ने जिस ग्लोबल कंपटीटिव इंडेक्स के बारे में बताया है यह डेटा डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत की रैंकिंग में 40 थी, वहीं अब यह 34 वें स्थान पर आ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत, जो दक्षिण एशिया के टीएंडटी (यात्रा और पर्यटन) जीडीपी की अधिकांश हिस्सेदारी रखता है, इसके साथ ही यह क्षेत्र की सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी टीएंडटी अर्थव्यवस्था बना हुआ है।"
रिपोर्ट के अनुसार, चीन, मैक्सिको, मलेशिया, थाईलैंड, ब्राजील और भारत - जो उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था नहीं हैं, लेकिन समग्र सूची में शीर्ष 35 में रैंक में मौजूद हैं। इसका कारण इन देशों में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हुआ तीव्र विकास काफी महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट बताती है कि भारत बेहतर वायु बुनियादी ढांचे (33 वें) और जमीन और बंदरगाह के बुनियादी ढांचे (28 वें), अंतर्राष्ट्रीय खुलेपन (51 वें) और प्राकृतिक (14 वें) और सांस्कृतिक संसाधन (8 वें) पायदान पर है। रिपोर्ट बताती है कि भारत ने अपने कारोबारी माहौल (89 वें से 39 वें), समग्र टीएंडटी नीति और सक्षम करने की स्थिति (79 वें से 69 वें), बुनियादी ढांचे (58 वें से 55 वें) और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की तत्परता (112 वें से 105 वें स्थान) में बहुत सुधार किया।"
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