नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे कारोबारियों की मदद के लिए मई 2015 में मुद्रा योजना शुरू की थी। सरकार ने दावा किया कि पहले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 1 लाख 37 हजार 450 करोड़ रुपये के लोन दिए गए। जबकि इस वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 1 लाख 64 हजार 550 करोड़ रुपये के लोन सेंक्शन करने का दावा है।
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मुद्रा योजना से बढ़ी कारोबार की रफ्तार
हमने जानने की कोशिश की कि क्या वाकई में इस योजना का लाभ लोगों को मिला है, क्या वाकई में इतना पैसा बांटा जा चुका है और बांटा गया तो इस पैसे का असर क्या हुआ है। हमारे चैनल इंडिया टीवी के संवाददाताओं ने देश के कई शहरों में छोटे-छोटे कारोबारियों से बात की तो पता लगा कि जिन लोगों ने पहले पैसे की कमी के कारण अपना बिजनेस बंद कर दिया था या बिजनेस करने में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था उन लोगों ने इस योजना का फायदा उठाया और तरक्की की।
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खास बात यह है कि मुद्रा योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 10 लाख रुपये तक का लोन मिल जाता है। यह लोन किसी भी बैंक या से लिया जा सकता है। लोन पर ब्याज दर कम है और लोन लेने के लिए ज्यादा फॉर्मेलिटी की जरुरत नहीं पड़ती। बैंक में संपर्क करे, अपना प्लान बताए बिजनेस का और बैंक छानबीन करेगा और उसके बाद 15-20 दिन में लोन सेंक्शन हो जाएगा।
पटना की हनी खातून कैंटीन चलाती है उन्होंने हमारे संवाददाता नीतीश को बताया कि पहले परिवार का गुजारा बड़ा मुश्किल से होता था। छोटी सी दुकान थी इसके बाद मुद्रा योजना के बारे में उन्हें पता चला। वो बैंक गई आसानी से लोन मिल गया और अब एक नहीं, 6-6 कैंटीन चलाती है।
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