Good News: सूखे इलाकों में पानी के लिए आमिर खान की मुहिम
महाराष्ट्र में जिन इलाकों में सूखा पड़ा है, पानी नहीं है वहां आमिर खान ने वाटर कंजरवेशन का अभियान चलाया है। उन्होंने पिछले साल पानी फाउंडेशन की शुरुआत की थी। पानी फाउंडेशन गांव में कुंए तालाब या बांध नहीं बनवाता, न ही गांवों में पानी की सप्लाई करता ह
लातूर: महाराष्ट्र में जिन इलाकों में सूखा पड़ा है, पानी नहीं है वहां आमिर खान ने वाटर कंजरवेशन का अभियान चलाया है। उन्होंने पिछले साल पानी फाउंडेशन की शुरुआत की थी। पानी फाउंडेशन गांव में कुंए तालाब या बांध नहीं बनवाता, न ही गांवों में पानी की सप्लाई करता है। आमिर खान की कोशिश है कि गांव वाले खुद पानी का महत्व समझे, पानी बचाएं इसलिए पानी फाउंडेशन गांव के लोगों का एक कॉम्पटिशन रखती है जिसका नाम रखा है सत्यमेव जयते वाटर कप।
इसमें अलग-अलग गांव के लोग भाग लेते हैं और श्रमदान कर वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर कंजर्वेशन के उपाय करते हैं। जिस गांव का काम सबसे बेहतर होता है उसे विजेता घोषित किया जाता है। इस बार कॉम्प्टिशन 1 मई से शुरू होगा और इसमें 13 सौ गांव भाग ले रहे हैं। इसी सिलसिले में कल आमिर लातूर के तगरखेड़ा गांव में थे और आज यवतमाल आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी किरण राव भी थीं। आमिर खुद गांव-गांव घूमकर लोगों को वाटर कंजर्वेशन के फायदे बता रहे हैं और उन्हें इसके उपाय समझा रहे हैं। आमिर और किरण राव ने खुद फावड़ा चला कर श्रमदान किया फिर गांव के लोगों के साथ खिचड़ी और पापड़ का लंच भी किया।
आमिर ने इस मौके पर बड़ी अच्छी बात कही, उन्होंने कहा कि अगर वो चाहें तो किसी भी इंडस्ट्रियलिस्ट से डोनेशन इकट्ठा कर वाटर कंजर्वेशन की शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन वो नहीं चाहते कि गांव वाले किसी की मदद के मोहताज रहें। गांव के लोग खुद अपने पैरों पर खड़े हों और अपनी मदद खुद करें इसलिए पानी फाउंडेशन हर गांव से पांच लोगों को वाटर कन्जरवेशन के लिए ट्रेनर बनने की ट्रेनिंग देता है। फिर वो पांच ट्रेनर गांव के बाकी लोगों को वाटर कंजर्वेशन और वाटर हार्वेस्टिंग के तरीके सिखाते हैं और फिर कॉम्प्टिशन में भाग लेते हैं।
आमिर की पत्नी किरण राव भी इस मुहिम में शुरु से जुटी हैं आज उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस प्रोग्राम से किसानों की मुश्किल दूर होगी, और उनकी आत्महत्याओं में कमी आएगी। एक साल में आमिर के फाउंडेशन ने महाराष्ट्र के तीन तालुका के 116 गावों में पानी की कमी खत्म की है। पानी फाउंडेशन ने पिछले साल जो कॉम्प्टिशन ऑर्गेनाइज किया था उसमें भाग लेकर गांव वालों ने 1368 करोड़ लीटर पानी के स्टोरेज की क्षमता डेवलप की थी। अगर इतना पानी सरकार वाटर टैंकर से पहुंचाती तो हर साल 13 लाख 68 हजार वाटर टैंकर्स इन इलाकों में भेजना पड़ता जिसपर 272 करोड़ का सालाना खर्च आता।
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असल में आमिर खान को अपने टीवी शो के दौरान कुछ ऐसे किसानों से मिलने का मौका मिला। किसानों ने बताया कि महाराष्ट्र के गावों में क्या हाल है, पानी की कितनी किल्लत है। इसके बाद आमिर खान ने रिसर्च की, पूरा प्लान बनाया, सीएम फडणनवीस से बात की और पानी की कमी को खत्म करने के लिए अभियान शुरू किया। आमिर खान वाकई में हर काम परफैक्शन से करते हैं। जिस काम को हाथ में लेते हैं उसमें पूरी तरह जुट जाते हैं। अब उन्होंने महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित गांवों में पानी की कमी खत्म करने का काम शुरू किया है उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है।