Zika Virus: जीका वायरस के क्या है लक्षण? स्वामी रामदेव से जानिए इससे बचने का तरीका
ज़ीका एडीज मच्छर से फैलने वाला वायरस है। यही मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है। ये ठहरे हुए साफ पानी में पनपता हैं।
सेहत पर कभी मौसम का, कभी बैक्टीरिया और कभी वायरस का खतरा मंडराता ही रहता है और योग सुरक्षा हर दम हर मौसम में ज़रूरी है। पिछले 2 साल से देश में कोरोना ने कहर बरपाया। वो अब जाकर थोड़ा थमा है। उसके बाद कोरोना के साइड इफेक्ट्स से लोग परेशान रहे और अब तक हैं फिर डेंगू का नया वेरिएंट आया जो सबसे खतरनाक है और अब हुआ है ज़ीका वायरस का हमला।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जीका वायरस के इंफेक्शन में जान जाने की दर कोरोना वायरस से ज्यादा है। यूपी के कई शहरों में इस वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और ये चिंता की बड़ी वजह है।
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कानपुर में अब तक जीका वायरस के 105 मरीज सामने आ चुके हैं। अगस्त में केरल में जीका का सबसे पहला केस सामने आया, साथ ही महाराष्ट्र में जीका का 1 केस आया। लेकिन अब उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर जीका का हॉटस्पॉट बन गया है।
दरअसल ज़ीका एडीज मच्छर से फैलने वाला वायरस है। यही मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है। ये ठहरे हुए साफ पानी में पनपता हैं। इस वायरस में भी बुखार सबसे पहला लक्षण हैं, साथ ही आंखों में रेडनेस, मसल्स में दर्द, पेटदर्द भी कॉमन लक्षण है।
जीका प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा घातक है। इस वायरस से प्रभावित गर्भवती महिलाओं के बच्चों में कई तरह की दिमागी बीमारियां हो सकती है और सबसे बड़ी बात कि जीका वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। लेकिन सावधानी बरतकर और इम्यूनिटी मजबूत करके इससे बचा जरूर जा सकता है और सिर्फ ज़ीका, डेंगू को ही नहीं बल्कि हर बीमारी को हराया जा सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे रखें खुद को हेल्दी।
ज़ीका वायरस के लक्षण- बुखार
- सिरदर्द
- पेटदर्द
- मसल्स में दर्द
- कमज़ोरी
- आंखें लाल होना
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जीका वायरस
- मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी
- 1947 में पहला मामला अफ्रीका में
- 2015 में ब्राजील में जीका का कहर
- 2016 में WHO ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया
- गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरा
- होने वाले बच्चे पर भी खतरा अधिक
- ताजा खाना ही खाएं
- तले-भुने खाने से परहेज़ करें
- पानी को उबालकर पीएं
- रोज़ 8-10 ग्लास पानी पीएं
- फीवर को नापें,चार्ट बनाएं
- शरीर में पानी की कमी ना होने दें
- भरपूर नींद लें
- गिलोय का रस पीएं
- तुलसी के पत्ते खाएं
- अनुलोम-विलोम करें
तिर्यक ताड़ासन
- रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है
- कमर की चर्बी पूरी तरह खत्म हो जाती है
- कद बढ़ाने में भी मदद मिलती है
- वजन घटाने में मदद मिलता है
- मन को शांत रखने में सहायक
- अच्छी नींद में फायदेमंद
- पेट कम करने में मददगार
- पीठ की अच्छी एक्सरसाइज
- तनाव कम करने में कारगर
- जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है
- बॉडी को एक्टिव करता है
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है
- शरीर में थकान नहीं होती
- कई तरह के दर्द से राहत
- ऊर्जा, स्फूर्ति का संचार करता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
- किडनी को स्वस्थ रखता है।
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है।
- पेट की चर्बी को दूर करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- अस्थमा और साइनस में लाभकारी है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
भुजंगासन
- दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
- मजबूत लंग्स से सर्दी की बीमारी नहीं होती है।
- पेट से जुड़े रोगों में कारगर है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
- फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- आसन से लंग्स मजबूत होते हैं।
- अस्थमा की बीमारी में बहुत कारगर
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है
- सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है
- हृदय संबंधी बीमारियां दूर होती हैं
- पेट की चर्बी कम होती है
- पाचन संबंधी समस्या दूर होती है
- सिर मे रक्त संचार बढ़ता है
- सिर दर्द, अनिद्रा से छुटकारा
- पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- वजन घटाने में बेहद कारगर
- पेट की चर्बी कम होती है
- बॉडी का बैलेंस ठीक होता है
- कमर में दर्द ठीक होता है
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- गैस और कब्ज से राहत मिलती है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द में फायदेमंद
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- कब्ज की समस्या से दिलाए लाभ
- एसिडिटी में फायदेमंद
- वजन कम करने में करे मदद
- लंबाई बढ़ाने में मददगार
मंडूकासन
- डायबिटीज को दूर भगाता है मंडूकासन
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है
- डायबिटीज को रोकने में सहायक
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- शरीर का पोश्चर ठीक करता है।
- पाचन प्रणाली ठीक होती है।
- टखने के दर्द को दूर भगाता है।
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है।
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है।
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है।
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
- कब्ज की समस्या दूर होती है
- गैस से छुटकारा मिलता है
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- बवासीर में भी लाभ होता है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
- पेट की चर्बी कम होता है
- मोटापे से छुटकारा मिलता है
- रीढ़ की हड्डी लचीली-मजबूत बनती है
- एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- शरीर को लचकदार बनाता है
- सीने को चौड़ा करने में सहायक
- शरीर के पॉश्चर को सुधारता है
- थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
- दृढ़ इच्छाशक्ति का विकास करता है
- लिवर-किडनी की समस्या में लाभकारी
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
- थायराइड में लाभकारी
जीका वायरस से बचाव करेंगे ये प्राणायाम
- भस्त्रिका
- अनुलोम-विलोम
- कपालभाति
- उज्जायी प्राणायाम
- उद्गीथ
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेद के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।