डायबिटीज टाइप-3 है जानलेवा, स्वामी रामदेव से जानिए कैसे करें ब्लड शुगर कंट्रोल
खराब लाइफस्टाइल औऱ खानपान के कारण अधिकतर लोगों को डायबिटीज टाइप 3 की समस्या हो रही हैं। स्वामी रामदेव से कैसे नैचुरल तरीके से ब्लड शुगर करें कंट्रोल।
हर कोई किसी ना किसी तरीके से सफेद चीजें जैसे हर सफेद चीनी, सफेद चावल और सफेद आटा यानि मैदे का सेवन रोज़ खाने से आप ब्लड शुगर के साथ कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ये सफेद ज़हर टाइप-1 और टाइप 2 डायबिटीज का मरीज़ तो बनाता ही है। साथ ही टाइप-3 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही यह मोटापा और बीपी बढ़ाता है। बल्कि किडनी डिजीज का रिस्क भी बढ़ाता है।
रिसर्च की मानें तो सफेद चावल यानि पॉलिश राइस और मैदे में मौजूद रिफाइंड कार्ब्स की वजह से शरीर को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है। इससे जल्द भूख लगती है और लोग ओवरइटिंग करते हैं। जिससे वजन तो बढ़ता ही है। ब्लड शुगर हाई हो सकती हैं।
सुबह उठते ही अगर आपको दिखें ये 4 संकेत, समझ लें कि आपका ब्लड शुगर लेवल है हाई
WHO के मुताबिक एक शख्स को एक दिन में 5 चम्मच से ज्यादा चीनी नहीं खानी है, लेकिन अमूमन एक इंसान साल भर में 28 किलो चीनी खा जाता हैं जो कि तकरीबन 3 गुना ज्यादा है। इस तरह 21 देशों में 10 साल तक की गई रिसर्च के मुताबिक थाली में पॉलिश राइस डायबिटीज के खतरे को 20% बढ़ा देता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि लाइफस्टाइल में छोटे छोटे बदलाव करके कैसे शुगर को कंट्रोल करें। स्वामी रामदेव से जानिए।
टाइप-3 डायबिटीज के लक्षण- टाइप-3 डायबिटीज़ ब्रेन पर असर करती है
- याददाश्त ख़राब होना यानि एल्जा़इमर
- वॉमिटिंग आना
- धुंधला दिखाई देना
- स्वाभाव में अचानक बदलाव आना
- वजन ज्यादा होने
- हाई ब्लड प्रेशर
- स्ट्रेस-टेंशन
- कमजोरी
- जेनेटिकली
डायबिटीज के मरीज ब्रेकफास्ट में शामिल करें ये फूड्स, हमेशा कंट्रोल में रहेगा ब्लड शुगर
प्री-डायबिटीज
खाने से पहले 100-125 mg/dl
खाने के बाद 140-199 mg/dl
डायबिटीज
खाने से पहले 125 से ज्यादा mg/dl
खाने के बाद 200 से ज्यादा mg/dl
खतरनाक है डायबिटीज
- ब्रेन
- आंख
- हार्ट
- लिवर
- किडनी
- ज्वाइंट्स
मंडूकासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है
शशकासन
- डायबिटीज करे कंट्रोल
- तनाव और चिंता दूर होती है
- क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर करता है
- मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद
- मोटापा कम करने में मददगार
- लीवर, किडनी के रोग दूर होते हैं
- दिल के मरीजों के लिए लाभकारी
योगमुद्रासन
- कब्ज की समस्या दूर होती है
- गैस से छुटकारा मिलता है
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- बवासीर में भी लाभ होता है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
- पेट की चर्बी कम होता है
- मोटापे से छुटकारा मिलता है
वक्रासन
- पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
- कैंसर की रोकथाम में बेहद कारगर
- पेट की कई समस्याओं में राहत
- पाचन क्रिया ठीक रहती है
- कब्ज को रोकने का रामबाण इलाज
शीर्षासन
- चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाती हैं
- चेहरे में चमक और सुंदरता बढ़ती है
- त्वचा मुलायम और खूबसूरत बनती है
- रोज अभ्यास से सफेद बाल काले होते हैं
- बालों को झड़ने से रोकने में मददगार
- मानसिक शांति और स्मरण शक्ति बढ़ती है
- दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है
- आंखों की रोशनी बढ़ाने में कारगर
- आत्मविश्वास, धैर्य, निडरता बढ़ाता है
- एकाग्रता, उत्साह, याददाश्त बढ़ाता है
सर्वांगासन
- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है
- दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
- आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा
- थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है
- हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं
- ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है
- हार्ट मसल्स एक्टिव होता है
हलासन
- इस आसन से दिमाग शांत होता है
- थायराइड की बीमारी ठीक होती है
- स्ट्रेस और थकान मिटाता है
- रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है
- डायबिटीज़ की परेशानी दूर होती है
चक्रासन
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
- मोटापा कम करने में कारगर
- थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
पादहस्तासन
- अस्थमा की बीमारी में बहुत कारगर
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है
- सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है
- हृदय संबंधी बीमारियां दूर होती हैं
- पेट की चर्बी कम होती है
- पाचन संबंधी समस्या दूर होती है
- सिर मे रक्त संचार बढ़ता है
- सिर दर्द, अनिद्रा से छुटकारा
- पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
गोमुखासन
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- शरीर को लचकदार बनाता है
- सीने को चौड़ा करने में सहायक
- शरीर के पोश्चर को सुधारता है
- थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
- दृढ़ इच्छाशक्ति का विकास करता है
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
सेतुबंध आसन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
- थाइराइड में लाभकारी
शलभासन
- आपके फेफड़े सक्रिय होते हैं
- अस्थमा रोग कंट्रोल होता है
- तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है
- खून को साफ करता है
- शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है
- हाथों और कन्धों की मज़बूती बढ़ाता है
- वजन कम करने में मदद करता है
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- कमर दर्द में लाभकारी
- फेफड़ों के लिए अच्छा
- पेट संबंधी समस्याओं में लाभकारी
- गैस और कब्ज से दिलाए निजात
- लिवर, फेफड़ों को रखे हेल्दी
भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- कमर, पीठ दर्द दूर होता है
- इस आसन से छाती चौड़ी होती है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मोटापा कम करने में सहायक
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
उत्तानपादासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- कब्ज की समस्या से दिलाए लाभ
- एसिडिटी में फायदेमंद
नौकासन
- शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- टीबी, निमोनिया को करे ठीक
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
- पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
- पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है
- कपालभाति
- उज्जायी
- अनुलोम विलोम
- भस्त्रिका
- भ्रामरी