Yoga Tips: शरीर के साथ दिमाग का स्वास्थ्य भी है जरूरी, स्वामी रामदेव से जानिए मेंटल हेल्थ को ठीक रखने का आयुर्वेदिक उपचार और योगा
Yoga Tips: आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World mental health day) के मौके पर बॉडी के साथ ब्रेन की हेल्थ का कैसे ख्याल रखा जाए जानिए योगगुरु स्वामी रामदेव से जानेंगे।
Highlights
- देश में 14% लोगों को मेंटल हेल्थ सुधारने के लिए तत्काल मदद की जरूरत है
- 30 साल में डिमेंशिया के मरीज तीन गुना हो जाएंगे
- लंबे वक्त तक स्ट्रेस टेंशन की वजह से ये नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है
Yoga Tips: 60-65 साल की उम्र आते-आते कई तरह की शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है, जिसे यंग एज में लोग आसानी से दबा लेते हैं। शुगर, बीपी, कमजोरी, भूलने की बीमारी या फिर खून की कमी जैसी समस्याओं से बुजर्ग जूझ रहे होते हैं। वहीं ओल्ड एज में अपनों की मौजूदगी के साथ पैसों की जरूरत होती है। इसकी वजह से स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जायटी की शुरुआत होती है, जो धीरे-धीरे खालीपन यानि एंप्टिनेस सिंड्रोम (EMPTINESS) की वजह बनती है। शरीर को चलाने में स्पाइनल कॉर्ड,नर्व्स और न्यूरॉन्स यानि नर्वस सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क शामिल है। लंबे वक्त तक स्ट्रेस टेंशन की वजह से ये नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। नर्वस सिस्टम में खराबी आने से नसों में ताकत की कमी, नसों में दर्द, ज्यादा पसीना आना और हाथ-पैर कांपना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इसकी वजह से पार्किंसन, अल्जाइमर, डिमेंशिया जैसी बीमारियों की एंट्री होती है।
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हाल ये है कि युवा भी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। देश में 14% लोगों को मेंटल हेल्थ सुधारने के लिए तत्काल मदद की जरूरत है। कोरोना के बाद तो इसमें करीब 20% का इजाफा हुआ है। एक स्टडी के मुताबिक, अगले 30 साल में डिमेंशिया के मरीज तीन गुना हो जाएंगे। ऐसे में जरूरी है मामला गंभीर होने से पहले सावधान होने की। आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World mental health day) के मौके पर बॉडी के साथ ब्रेन की हेल्थ का कैसे ख्याल रखा जाए जानिए योगगुरु स्वामी रामदेव से जानेंगे।
मेंटल हेल्थ की परेशानी
- एंप्टिनेस सिंड्रोम
- स्ट्रेस
- डिप्रेशन
- एंग्जायटी
नर्वस सिस्टम
- स्पाइनल कॉर्ड
- नर्व्स
- न्यूरॉन्स
नर्वस सिस्टम से रेग्यूलेट फंक्शन
- आंख
- कान
- नाक
- टेस्ट
- टच
- मसल्स
न्यूरो प्रॉब्लम के लक्षण
- नसों में ताकत की कमी
- नसों में दर्द
- ज्यादा पसीना आना
- हाथ-पैर कांपना
- समझ-बूझ में कमी
ब्रेन डिसऑर्डर बीमारी
- पार्किंसन
- अल्जाइमर
- डिमेंशिया
- ब्रेन इंजरी
दिमाग को दुरुस्त बनाए ं
- उम्र बढ़ने से याद्दाश्त पर असर
- यंग एज में भी न्यूरो की परेशानी
- मेंटल हेल्थ देश में बड़ा मुद्दा
- 14% लोगों को इंस्टेंट हेल्प की जरूरत
- कोरोना के बाद 20% इजाफा
- 30 साल में डिमेंशिया के तीन गुना मरीज
ब्रेन हेल्दी रखने के 5 उपाय
- एक्सरसाइज
- बैलेंस डायट
- तनाव से दूर
- म्यूजिक
- अच्छी नींद
ब्रेन रहेगा हेल्दी रखने के लिए सुपर फूड्स
- अखरोट
- बादाम
- काजू
- अलसी
- पंपकिन सीड्स
ब्रेन रहेगा हेल्दी
- डार्क चॉकलेट
- ब्लू बेरी
- ब्रोकली
- संतरा
- गाय का घी
- दूध
- हल्दी
- शिलाजीत
ब्रेन रखने के लिए रोज पीएं ये रस
- एलोवेरा
- गिलोय
- अश्वगंधा
ब्रेन रहेगा स्ट्रॉन्ग
- अंकुरित अन्न खाएं
- हरी सब्जियां खाएं
- लौकी फायदेमंद
- बादाम रोगन दूध में डालकर पीएं
- बादाम रोगन नाक में डालें
- बादाम-अखरोट पीसकर खाएं
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न्यूरो डीजेनेरेटिव डिजीज जिसमें पार्किंसन, अल्जाइमर, डिमेंशिया हैं। इसमें उम्र के साथ लोगों की मेमोरी खत्म होने लगती है। अब तो युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं। मस्कुलर डिस्ट्रोफी भी गंभीर बीमारी है, जिसमें बचपन से ही पूरे शरीर की नसें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।
नर्व में कमजोरी की वजह
- एक्सीडेंट की वजह से चोटिल होना
- डायबीटिज की वजह से नर्व्स कमजोर होना
- हाई ब्लड प्रेशर..नसों में फैट जमना
- ऑटोइम्यून डिजीज से टिशू डैमेज होना
नसों में ताकत की कमी
- नसों में दर्द होना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- ज्यादा गर्मी महसूस होना
- ब्लड प्रेशर अनकंट्रोल होना
- हाथ और पैर में कंपन होना
नर्वस सिस्टम की बीमारी
- स्ट्रोक
- ब्रेन ट्यूमर
- एपिलेप्सी
- अल्जाइमर
- पार्किन्संस
- मस्कुलर डिस्ट्रोफी