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Hindi News हेल्थ कैसे फिट रहे हार्ट, किडनी और लिवर? धनतेरस पर संपूर्ण आरोग्य का रामबाण मंत्र

कैसे फिट रहे हार्ट, किडनी और लिवर? धनतेरस पर संपूर्ण आरोग्य का रामबाण मंत्र

कभी खराब लाइफस्टाइल तो कभी गलत खाना-पीना, रोजाना एक्सरसाइज या योग नहीं करना, ये सभी आदतें हमें बीमार कर देती हैं।

yoga Tips to Protect heart Kidney and liver- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कैसे फिट रहे हार्ट, किडनी और लिवर? स्वामी रामदेव से जानिए

सेहत सबसे बड़ा धन है और हर कोई सेहतमंद सुखी जीवन जीना चाहता है, लेकिन कई बार ऐसा हो नहीं पाता और इसके जिम्मेदार हम खुद होते हैं। कभी खराब लाइफस्टाइल तो कभी गलत खाना-पीना, रोजाना एक्सरसाइज या योग नहीं करना, ये सभी आदतें हमें बीमार कर देती हैं। इसकी वजह से मोटापा, शुगर, बीपी, लो इम्युनिटी, लिवर-किडनी की समस्याएं और डिप्रेशन तक की दिक्कतें होने लगती हैं। इसलिए हर दिन को खास बनाइये, अपनी सेहत पर काम करिए और रोजाना योग करिए। स्वामी रामदेव आज धनतेरस के खास मौके पर ऐसे 31 योग बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप निरोगी बन सकते हैं....

निरोगी जीवन के लिए योगाभ्यास:

  1. ताड़ासन
  2. तिर्यक ताड़ासन
  3. कोणासन
  4. तिर्यक कोणासन
  5. वृक्षासन
  6. पादहस्तासन
  7. मंडूकासन
  8. गोमुखासन
  9. सुप्त वज्रासन
  10. मत्स्यासन
  11. वक्रासन
  12. उष्ट्रासन
  13. उत्तानकुर्मासन
  14. मयूरासन
  15. वृश्चिकासन
  16. मकरासन
  17. भुजंगासन
  18. शलभासन
  19. मर्कटासन
  20. पवनमुक्तासन
  21. उत्तानपादासन
  22. नौकासन
  23. सेतुबंधासन
  24. शीर्षासन
  25. सर्वांगासन
  26. हलासन
  27. वक्रासन
  28. पश्चिमोत्तानासन
  29. सूर्य नमस्कार
  30. दंड बैठक

ताड़ासन के फायदे: बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर को लचीला बनाता है। थकान, तनाव और चिंता दूर होती है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है। 

तिर्यक ताड़ासन: रोज करने से शरीर काफी लचीला बनता है। कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है। कद बढ़ाने में भी मदद करता है। वजन घटाने में मदद मिलती है। 

वृक्षासन: पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। आंख और नाक स्वस्थ होते हैं। शरीर को लचीला बनाने में कारगर है। फ्लैट फीट की समस्या से राहत मिलती है। 

कोणासन: किडनी को ठीक करता है। प्रोस्टेट ग्रंथि और अंडाशय ठीक रहते हैं। ब्लड फ्लो ठीक करके शरीर स्वस्थ रखता है। हाई बीपी और अस्थमा की समस्या से आराम मिलता है। पेट के साथ-साथ पीठ के लिए भी लाभदायक है। डायबिटीज में भी फायदा होता है। 

मयूरासन: मानसिक और शारीरिक संतुलन बनता है। चेहरे की चमक और सुंदरता बढ़ती है। कंधे और बाजू मजबूत होते हैं। शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है। 

सूर्य नमस्कार: वजन बढ़ाने में मददगार योगासन है। फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है। 

यौगिक जॉगिंग के लाभ: एलर्जी कंट्रोल करने में मददगार है। शरीर में फैट कम करके लचीला बनाता है। हाथ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। जांघ की मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है। डायबिटीज दूर करने में कारगर है। 

दंड बैठक के लाभ: मोटापा कम करने में मददगार है। शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है। पैरों और जांघों को मजबूती मिलती है। सीना और भुजाएं चौड़ी होती है। हृदय रोग से बचा जा सकता है। वजन को नियंत्रण में रखता है।

मंडूकासन के फायदे: पेट और हार्ट के लिए लाभकारी है। डायबिटीज को दूर भगाता है। पाचन तंत्र सही करने में सहायक है। लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है। पैनक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है। 

शशकासन: क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर करता है। मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। 

योगमुद्रासन: पाचन की परेशानी दूर होती है। कब्ज की समस्या दूर होती है। पेट की चर्बी कम होती है। 

उष्ट्रासन: शरीर का पोश्चर सुधारता है। कंधों और पीठ को मजबूत करता है। पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। मोटापा दूर करता है। 

गोमुखासन: फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। थकान, तनाव और चिंता को दूर करता है। लिवर और किडनी की समस्या में लाभकारी है। 

मकरासन: पीठ दर्द और कमर दर्द में राहत मिलती है। कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती है। फेफड़ों से जुड़ी परेशानियों में लाभदायक है। साइटिका और स्लिप डिस्क में फायदेमंद है। हृदय रोग में आराम मिलता है। 

भुजंगासन: फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है। इस आसन से छाती चौड़ी होती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है। मोटापा कम करने में सहायक है। 

मर्कटासन के फायदे: रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। पीठ का दर्द दूर हो जाता है। पेट संबंधी समस्या दूर होती है। गैस और कब्ज से राहत मिलती है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। कमर दर्द में फायदेमंद है। गुर्दे, अग्नाशय और लिवर सक्रिय होते हैं। 

पवन मुक्तासन: फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बनते हैं। ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है। किडनी को स्वस्थ रखता है। पेट की चर्बी को दूर करता है। मोटापा कम करने में मददगार है।

चक्रासन के फायदे: पाचन तंत्र को दुरस्त रखता है। कमर और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। मोटापे को कम करता है। 

शीर्षासन के फायदे: ब्रेन में पूरी तरह ऑक्सीजन पहुंचता है। मेंटल पीस और मेमोरी पावर बढ़ती है। शीर्षासन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। बच्चों के हाथ मजबूत होते हैं। बालों से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं। बच्चों के चेहरे पर ताजगी आती है। 

सर्वांगासन: बच्चों की मेमोरी शार्प होती है। आईक्यू लेवल बढ़ाने में मदद मिलती है। बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है। याक की हुई चीजें भूलते नहीं हैं। ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर होता है। आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा। थायरॉइड ग्लैंड एक्टिव होता है। हाथ-कंधे मजबूत होते हैं। ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है। 

पश्चिमोत्तानासन: फिजिकल ग्रोथ अच्छी होती है। बच्चों की बॉडी शेप में रहेगी। एनर्जी का फ्लो अच्छा रहता है। शरीर को मजबूत, फुर्तीला और स्वस्थ बनाता है। 

सूक्ष्म व्यायाम: बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। शरीर में थकान नहीं होती है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है। 

कपालभाति के फायदे: बंद सांस नली कपालभाति से खुल जाती है। सेहत अच्छी बनी रहती है। मजबूत बॉडी के लिए फायदेमंद है। शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। 

उज्जायी प्राणायाम: दिमाग को शांत करता है। शरीर में गर्माहट आती है। ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है। साइनस और माइग्रेन में फायदेमंद है। हृदय के रोग में लाभकारी है। पेट की बीमारियों को ठीक करता है। 

निरोगी जीवन के लिए प्राणायाम:

  • भस्त्रिका
  • अनुलोम विलोम
  • कपालभाति
  • कुंभक
  • उज्जायी
  • उद्गीथ
  • भ्रामरी

अच्छी सेहत के लिए:

  • आंवला, एलोवेरा, तुलसी, लहसुन, हल्दी और नीम को रोजाना खाली पेट लें। 
  • किसी भी रूप में सेवन करना फायदेमंद है। 

गोधन अर्क के फायदे: 

  • गोधन अर्क बॉडी को डिटॉक्स करता है। 
  • डायजेशन बेहतर होता है।
  • दिवाली से अगले 1 हफ्ते तक लें। 

ताकत बढ़ाने के लिए:

  • शतावर, सफेद मुसली और अश्वगंधा लें।
  • खाना खाने के बाद सेवन करें।
  • दूध में हल्दी और शिलाजीत लेना फायदेमंद है। 
  • सर्दियों में च्वयनप्राश का सेवन करें।
  • मीठे की जगह शहद या मधुरम लें।
  • गुड़ और शक्कर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अंकुरित अनाज का सेवन करें।

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