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Hindi News हेल्थ थायराइड की समस्या से हैं परेशान, स्वामी रामदेव से जानिए असरदार इलाज

थायराइड की समस्या से हैं परेशान, स्वामी रामदेव से जानिए असरदार इलाज

सर्दियों में यह समस्या काफी बढ़ जाती है। गर्म कपड़े पहनने के बाद भी आपको ठंड लगती रहती है। स्वामी रामदेव से जानिए थायराइड से कैसे पाएं निजात।

भारत में हर दसवां व्यक्ति थायराइड की समस्या से परेशान रहता है पुरुषों से मुकाबले महिलाओं को 10 गुना अधिक थायराइड की समस्या का सामना करना पड़ता है। सर्दियों में यह समस्या काफी बढ़ जाती है। गर्म कपड़े पहनने के बाद भी आपको ठंड लगती रहती है।

स्वामी रामदेव के अनुसार शरीर में कैल्शियम, आयरन, विटामिन डी की कमी के साथ-साथ खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण इस समस्या का समान करना पड़ता है। थायराइड की समस्या को समय रहते छुटकारा पा लें नहीं आगे चल कई बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। जानिए थायराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कौन-कौन से योगासन है कारगर।

क्या है थायराइड?

थायराइड गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। जब ये असंतुलित होता है तो थायरायड की बीमारी होती है। ये रोग हाइपो थायरायड और हाइपर थायरायड दो तरह का होता है।

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थायराइड से समस्या से निजात पाने के लिए योगासन

सिंहासन

इस आसन को थायराइड के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने की ओर फैला के बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे बाएं पैर की जांघ पर रख लें और बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें। अब आगे की ओर झुक जाएं और दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को सीधा करके फर्श पर रख लें। इसके बाद अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर खींचे। अपने मुंह को खोलें और अपने जीभ को मुंह से बाहर की ओर निकालें। नाक से सांस लेते हुए मुंह से आवाज करें। इस आसन को रोजाना 7 से 11 बार करें।

मत्स्यासन

  • झुके हुए कंधे नॉर्मल हो जाते हैं
  • छाती व फेफड़ों का विकास होता है
  • स्त्रियों के गर्भाशय और मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं
  • पेट की चर्बी घटती है
  • खांसी दूर होती है

शीर्षासन

  • रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  • कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
  • दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
  • पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है
  •  स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है

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सर्वांगासन

  • ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
  • एजिंग को रोकने में सहायक
  • शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
  • तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती
  • एकग्रता बढ़ान में मदद करता है

हलासन

  • पाचन सुधारने में मदद करता है
  • मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है
  • वजन घटाने में मदद करता है
  • शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
  • रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम मिलता है
  • स्ट्रेस और थकान से दूर करता है
  • दिमाग को शांति मिलती है

भ्रस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5  मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।

कपालभाति
इस प्राणायाम को करने से शरीर की  इम्यूनिटी बढ़ाती है। इसके साथ ही शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। वहीं थायराइड से भी निजात मिलता है।

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उज्जायी
इस आसन में गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण किया जाता है। इससे थायराइड को काफी लाभ मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से  7 से 11 बार करें।

अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।

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