गर्मी से हैं परेशान? स्वामी रामदेव से जानिए बॉडी और माइंड को कूल रखने का फार्मूला
स्वामी रामदेव से जानिए गर्मियों के मौसम में कौन से योगासन, प्राणायाम करके आप अपने शरीर और दिमाग को ठंडा रख सकते हैं। इसके साथ जानिए लू, डिहाइड्रेशन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय।
गर्मी का मौसम शुरू होते ही कई बीमारिया जन्म ले लेती है। बढ़ती गर्मी के कारण स्किन से लेकर शरीर के अंदर कई तरह की समस्याएं जन्म ले लेता है। डायरिया, अपच, लू, जैसी समस्याओं से बचने के लिए हम कई तरह के उपाय अपनाते हैं। वहीं दूसरी ओर तपती गर्मी में ठंडक सा अहसास पाने के लिए फ्रिज का पानी या फिर लगातार एसी में बैठे रहते हैं। जिससे सेहत पर और भी बुरा प्रभाव पड़ता है। स्वामी रामदेव ये अनुसार योग में ऐसी ताकत है कि आप गर्मियों में बहते पसीना से निजात पा सकते हैं। इतना ही नहीं गर्मियों में होने वाली बीमारियों से भी कोसों दूर रहेंगे।
स्वामी रामदेव के अनुसार गर्मी से निजात पाने के लिए बस नियमित रूप से करें ये 12 योगासन। इसके साथ ही अपनाएं ये घरेलू उपाय।
शरीर और दिमाग को ठंडा रखने के लिए योगासन
मंडूकासन- एसिडिटी, डिहाइड्रेशन से बचाएं, फूड प्वाइज़निंग से दिलाएं छुटकारा।
शशकासन- इस आसन को करने से शरीर में ठंडक रहती हैं। इसके साथ-साथ पाचन तंत्र ठीक रखने में मदद करता है।
वक्रासन- इस आसन को करने से आपको किडनी और लिवर संबंधी हर समस्या से निजात मिलेगा। इसे रोजाना आधा से 1 मिनट करें।
पाद वृत्तासन- इस आसन को करने से जांघ, पेट, कमर की चर्बी करें कम। शरीर को सुडौल बनाएं। गर्मी से निजात मिलता है। पैरों के दर्द, थकान, कमजोरी की समस्या से निजात पाएं। डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद।
गोमुखासन- किडनी को स्वस्थ्य रखें। गर्मी और गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों से बचाएं। इसके साथ ही यह अंगुलियों के जोड़ों और कलाइयों को मजबूत करता है, छाती और पीठ की मांसपेशियों को सुदृढ़ करते हुए कंधों और कूल्हों की गतिशीलता को बढ़ाता है।
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पवनमुक्तासन- इस आसन को करने से हार्ट हेल्दी रहता है। जिससे दिल संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखें, जांघों, पेट और कूल्हों को वसा मुक्त रखें।
शलभासन- यह आसन पीठ में लचीलापन लाता है। पाचन क्रिया को सही करें, हाथों और कंधों को करें मजबूत। इसके साथ ही पेट की चर्बी को करें कम।
भुजंगासन- तनाव, चिंता, कमर के निचला दर्द से मिलेगा निजात। फेफड़ों, पीठ दर्द को करें दूर। रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत।
मर्कटासन- यह आसन कमर दर्द के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके साथ इस आसन को करने से पूरे शरीर का ठीक ढंग से खिचांव होता है।
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अर्द्ध हलासन- इस आसन को करने से खाना पचाने की ताकत को बढ़ाता है । वजन करें कम। कमर दर्द, एसिडिटी आदि समस्याओं से निजात दिलाला है।
पाद वृत्तासन- मोटापा, कमर दर्द, पीठ दर्द के साथ-साथ गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों से बचाता है।
मकरासन -इस आसन को करने से दिमाग शांत रहेगा। रीढ़ की हड्डी मजबूत होगी। इसके साथ ही पाचन तंत्र ठीक ढंग से काम करेगा।
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गर्मी से निजात पाने के लिए प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेंकड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
कपालभाति
कपालभाति करने से हर तरह के कैंसर से निजात मिलता है। हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज वाले लोग 2 सेकंड में एक स्ट्रोक करें।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े। इस प्राणायाम को करने से मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेन, कैंसर, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।
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शरीर को कूल-कूल रखने के लिए करें इन चीजों का सेवन
- लौकी का जूस में पुदीना और नींबू का रस डालकर रोजाना पिएं।
- गर्मी के कारण दस्त लग गए है तो अनार, बेल का सेवन करें।
- पित्त की समस्या से निजात पाने के लिए धृतकुमारी, तरबूज, लौकी का जूस फायदेमंद।
- पेट खराब है तो गुलाब का शर्बत या गुलकंद का सेवन करें।
- खीरा का जूस पिएं।
- आम का पना गर्मी से निजात दिलाने का बेस्ट ड्रिंक।