दिवाली के बाद दिल्ली समेत नोएडा में प्रदूषण अपने चरम स्थान पर होता है। हवा में प्रदूषण इस हद तक फ़ैल जाता है कि लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। जहरीली हवा की वजह से लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं। जिनमे लोगों को गले में दर्द, खांसी की समस्या, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ सबसे मुख्य समस्या हैं। ऐसे में लोग प्रदूषण से बचने के लिए कई तरह के उपाय आज़माते हैं। लेकिन इसके बावजूद किसी भी तरह का उपाय कारगर साबित नहीं होता है। आज हम आपको प्रदूषण से बचने के लिए कुछ योगासन के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप सांस संबंधी और फेफड़ों से जुड़ी कई समस्याओं को बढ़ने से रोक पाएंगे।
अनुलोम-विलोम
अपने आप को एयर पॉल्यूशन से बचाने के लिए नियमित रूप से योग करें। इससे न केवल आप इस इस ज़हर भरे माहौल में अपनी सुरक्षा कर पाएंगे बल्कि आप हमेशा सेहतमंद रहेंगे। अनुलोम विलोम प्राणायाम सांस संबंधी परेशानी को कम करता है और आपके फेफड़ों को मजबूत रखता है। इसलिए रोजाना 10 से 15 मिनट तक अनुलोम-विलोम करें। अनुलोम विलोम करने के लिए नाक के दाएं भाग से सांस लें और बाएं भाग से बाहर निकालें। इसी तरह फिर नाक के बाएं भाग से सांस लें और दाएं भाग से सांस निकालें।
कपालभाति प्राणायाम
पॉल्यूशन से अपनी बॉडी को बचने के लिए आप रोज़ाना सुबह कपालभाति करें। इसके लिए पालथी मारकर सीधे बैठ जाएं और पेट के निचले हिस्से को अंदर की तरफ खींचे और नाक से तेजी से सांस छोड़ें आपको ऐसा तब तक करना है जब तक थकान न लगने लगे। कपालभाति करने से मन शांत होता है। ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी कपालभाति एक बेहतरीन प्राणायाम है।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करने में असरदार है साथ ही श्वास संबंधी समस्याओं को भी आसानी से दूर करता है। ऐसे में प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए आप रोजाना भस्त्रिका प्राणायाम करें। इस प्राणायाम को करने से वजन भी आसानी से कम होता है।
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारियों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।)
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