बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है 'मस्कुलर डिस्ट्रॉफी', स्वामी रामदेव से जानिए कमजोर मांसपेशियों को मजबूत करने का इलाज
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जानलेवा बीमारी है। इसमें DMD (ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी) काफी कॉमन और खतरनाक है। इसमें शरीर में मसल्स बनाने वाले प्रोटीन के जीन में खराबी आ जाती है।
लोग खुद को फिट रखने के लिए घंटों योगाभ्यास के साथ जिम में पसीना बहाते हैं। जिससे कि उनके मसल्स टोन्ड रहे, बॉडी स्ट्रॉन्ग बने और परफेक्ट शेप में दिखे। दरअसल, अगर मसल्स पावरफुल हो, तो ज्वाइंट्स भी हेल्दी रहते है और रोजमर्रा के काम आसानी से किए जा सकते हैं। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं। जिनकी मांसपेशियां बचपन में ही बीमार हो जाती है।
कई बार जेनेटिकल रीजन से तो कई बार शरीर को रोगों से बचाने वाली इम्यूनिटी में खराबी से,मसल्स कमजोर हो जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है और मसल्स बेकार होते चले जाते हैं। नतीजा, बॉडी बैलेंस में दिक्कत आने लगती है। बिना सहारे के खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। रीढ़ की हड्डी झुकने लगती है। आखिर में हार्ट और लंग्स के मसल्स पर भी असर दिखता है। नौबत हार्ट अटैक की भी आ सकती है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जानलेवा बीमारी है। इसमें DMD (ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी) काफी कॉमन और खतरनाक है। इसमें शरीर में मसल्स बनाने वाले प्रोटीन के जीन में खराबी आ जाती है। ज्यादातर मामलों मे इसका पता बचपन में ही चल जाता है और सही समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो कुछ हद तक नॉर्मल लाइफ जी सकते है। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे पाएं इस समस्या से निजात।
मसल्स कमजोर होने का कारण
- जेनेटिक प्रॉब्लम से मसल्स कमजोर होते हैं
- ऑटो इम्यून डिजीज की वजह से मसल्स प्रॉब्लम
- DMD का पता 2-4 साल की उम्र में चलता है
- 15 साल की उम्र तक व्हीलचेयर के सहारे जीवन
- प्रोटीन के जीन में खराबी की वजह से DMD
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण
- मसल्स कमजोर हो जाता है
- बॉडी बैलेंस में दिक्कत आने लगती है
- बिना सहारे खड़ा होना मुश्किल होता है
- पलके धीरे-धीरे लटकने लगती है
- रीढ़ की हड्डी झुकने लगती है
- हार्ट-लंग्स के मसल्स पर भी असर पड़ता है
- सांस लेने में परेशानी होती है
- हार्ट अटैक का खतरा रहता है
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से निजात पाने के लिए योगासन
सूक्ष्म व्यायाम
- हार्ट को मजबूत बनाता है।
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
- शरीर में थकान नहीं आती है।
- ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है।
- बॉडी को एक्टिव रखता है।
- शरीर में कई तरह के दर्द को खत्म करता है।
मंडूकासन
- डायबिटीज को दूर भगाता है मंडूकासन
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
शशकासन
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है।
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद है।
- मोटापा कम करने में मदद करता है।
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मकरासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- गैस और कब्ज से राहत मिलती है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द में फायदेमंद
सेतुबंध आसन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- टांगों को स्वस्थ, मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक
- पाचन तंत्र में सुधार लाता है
- थायरॉइड में भी फायदा पहुंचाता है
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- गैस और कब्ज से राहत मिलती है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द में फायदेमंद
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
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सूर्य नमस्कार
- डिप्रेशन दूर करता है सूर्यनमस्कार
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन बढ़ाने में मददगार योगासन
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होता है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन
ताड़ासन
- गठिया में कारगर
- दिल की बीमारी में कारगर आसन
- शरीर को लचीला बनाता है
- थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
भुजंगासन
- भुजंगासन के लाभ योग से बेटियां बनेंगी बलवान
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- कमर, पीठ दर्द दूर होता है
- इस आसन से छाती चौड़ी होती है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मोटापा कम करने में सहायक
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
गरुड़ासन
- हर्निया में लाभकारी
- कब्ज में लाभकारी
- हाइड्रोसील में लाभकारी
- कोलाइटिस से दिलाए निजात
- मसल्स को बनाए मजबूत
- रीढ़ की हल्दी को रखे ठीक
दंड बैठक
- मोटापा कम करने में मददगार
- दंड बैठक चर्बी को दूर भगाता है
- वजन को नियंत्रण में रखता है
- मसल्स को मजबूत करता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- पैरों और जांघों को मजबूती मिलती है
- सीना और भुजाएं चौड़ी होती हैं
- हृदय रोग से बचा जा सकता है
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
उत्तानपादासन
- पेट से जुड़ी समस्य़ाओं में लाभकारी
- डायबिटीज में करो कंट्रोल
- एसिडिटी में लाभकारी
- कमर दर्द को करे सही
- तनाव को करे कम
- कब्ज की समस्या में लाभकारी
यूरिक एसिड बढ़ा होने पर इन दो सब्जियों का ना करें सेवन, बढ़ सकती है और परेशानी
ओंकार है फायदेमंद
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में ओंकार ध्यान करें
- ओंकार ध्वनि का सेहत पर अच्छा इफेक्ट
- थाइरॉइड प्रॉब्लम से बचाव होता है
- स्ट्रेस और घबराहट दूर होते हैं
- बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है
- पेट में वाइब्रेशन से डायजेशन सुधरता है
- थकान दूर होती है, नींद भी अच्छी आती है
- ब्रेन में वाइब्रेशन कंसंट्रेशन बढ़ाता है
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से निजात पाने के लिए प्राणायाम
- भस्त्रिका
- अनुलोम-विलोम
- कपालभाति
- उज्जायी प्राणायाम
- उद्गीथ
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में आयुर्वेदिक औषधि
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में अष्टवर्ग चूर्ण लें
- इम्यूनोग्रीट वटी और इम्यूनोग्रीट पाउडर लें
- दूध में हल्दी, शीलाजीत डालकर पिएं
- एलोवेरा का सेवन करे
- शकरकंद का सेवन करे
- अर्जुन की छाल हार्ट को रखे हेल्दी
- किडनी को हेल्दी रखने के लिए गोखरू
- दूध, दही, छाछ का सेवन करे
- गिलोय का काढ़ा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को कंट्रोल करता है
- अश्वगंधा,शतावर और सफेद मुसली मसल्स टूटने से रोकता है
- अश्वशिला कैप्सूल,अश्वगंधा,शिलाजित से नर्वस सिस्टम को फायदा
- चंद्रप्रभावटी और गिलोय घनवटी भी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में फायदेमंद
- मसल्स डिस्ट्रॉफी में यज्ञ चिकित्सा करें
- हवन में औषधि मिलाकर होती है चिकित्सा
आयुर्वेद से मसल्स करने के लिए
एकांगवीर रस 10 ग्राम, रसराज रस 2 ग्राम , वसंत कुसमाकर 2 ग्राम, मोती पिष्टी 4 ग्राम, रजत भस्म 2 ग्राम , हीरक भस्म 3 ml , गिलोय सत 10 ग्राम सबको मिलाकर 60 पैकेट बनाएं और रोज़ाना 1-1 पैकेट सुबह शाम लें।