कोरोना से रिकवरी के बाद खुद को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियों से कैसे बचाएं? स्वामी रामदेव से जानिए
कोरोना से रिकवर होने के बाद हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक से कई लोगों की जान जा रही है और इसमें से ज्यादातर वो लोग हैं, जिनको पहले से दिल की कोई बीमारी नहीं थी।
कोरोना का कहर कुछ ऐसा है कि इस वक्त हर किसी की जिंदगी पर इमरजेंसी सी लगी हुई है। सबसे पहले वायरस की चपेट में आने का खतरा है और अगर संक्रमित हो गए तो फिर रिकवरी की जंग है। इस जंग को भी अगर जीत लिया तो कई दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा है। कोरोना से रिकवर होने के बाद हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक से कई लोगों की जान जा रही है और इसमें से ज्यादातर वो लोग हैं, जिनको पहले से दिल की कोई बीमारी नहीं थी।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिकवरी के दौरान ब्लड सर्कुलेशन से जुड़े कॉम्प्लिकेशन पर कड़ी नज़र रखने की जरूरत है। वायरस के इंफेक्शन के बाद ब्लड गाढ़ा हो जाता है। इससे खून का थक्का बनता है और ये ब्लड क्लॉट हार्ट अटैक की वजह बन जाता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक, चेस्ट कंजेशन जैसी परेशानियां भी आती हैं।
कोरोना की वजह से ये मुसीबत बढ़ी ही है, लेकिन देश में पहले से ही 5 करोड़ दिल के मरीज हैं। इसमें हाई बीपी के 20 करोड़ मरीजों को जोड़ दें तो बड़ी संख्या है, जिनका ना तो आजकल कोरोना की वजह से रूटीन चेकअप हो पा रहा है और ना ही जरूरी मेडिकल अटेंशन उन्हें मिल पा रही है। ऐसे में जरूरी है कि योग के ऑप्शन को जल्द से जल्द अपना लिया जाए। लाइफ स्टाइल डिजीज, जेनेटिक प्रॉब्लम.. इनसे निजात पाने की सही तरीका है कि आज से ही अपनी जिंदगी में योगाभ्यास को शामिल कर लें। ये कैसे मुमकिन होगा, ये स्वामी रामदेव ने बताया है।
कोरोना के लक्षण:
- बुखार
- खांसी
- सीने में दर्द
- सांस में तकलीफ
- थकान
- बदन दर्द
- पेट में दर्द
- डायरिया
- सिर में दर्द
- त्वचा पर रैशेज
कोरोना के कहर में गंभीर बीमारियों का खतरा:
- हाई बीपी
- हार्ट अटैक
- हाई पल्स रेट
- ब्रेन स्ट्रोक
कॉम्प्लिकेशन पर रखें नज़र:
- कोरोना इंफेक्शन से ब्लड गाढ़ा।
- डी-डाइमर प्रोटीन का बढ़ना।
- खून का थक्का बनना।
- खून के थक्के से हार्ट अटैक।
- ब्रेन स्ट्रोक-लंग्स कंजेशन।
तिर्यक ताड़ासन के फायदे:
- शरीर लचीला होता है।
- वजन घटता है।
- लंबाई बढ़ती है।
- मन शांत होता है।
- ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
पादहस्तान के फायदे:
- डिप्रेशन दूर होता है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है।
- सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है।
- पाचन संबंधी समस्या दूर होती है।
- सिर में रक्त संचार बढ़ता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे:
- डिप्रेशन दूर करता है।
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है।
- वजन घटाने में मददगार है।
- शरीर को डिटॉक्स करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- पाचन तंत्र बेहतर होता है।
- शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है।
भुजंगासन के फायदे:
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है।
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
शलभासन के फायदे:
- फेफड़े सक्रिय होते हैं।
- नर्व्स सिस्टम मजबूत होता है।
- खून को साफ करता है।
- शरीर को मजबूत बनाता है।
- हाथ-कंधे मजबूत होते हैं।
मर्कटासन के फायदे:
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
- पीठ का दर्द दूर करता है।
- फेफड़ों के लिए फायदेमंद है।
- पेट संबंधी समस्याओं को दूर करता है।
- एकाग्रता बढ़ती है।
पवनमुक्तासन के फायदे:
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बनते हैं।
- अस्थमा और साइनस में फायदेमंद है।
- किडनी को स्वस्थ रखता है।
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है।
- पेट की चर्बी को दूर करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- दिल को सेहतमंद रखता है।
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
मंडूकासन के फायदे:
- डायबिटीज को दूर करता है।
- डायजेशन मजबूत करता है।
- कंसंट्रेशन बढ़ाता है।
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
वक्रासन के फायदे:
- कब्ज ठीक होती है।
- पेट की कई समस्याओं में राहत।
- पाचन क्रिया ठीक रहती है।
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे:
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
- ऊर्जा का संचार करता है।
- बॉडी को एक्टिव करता है।
- शरीर में थकान नहीं होती है।
- कई तरह के दर्द से राहत।
भस्त्रिका के फायदे:
- नाक और सीने की समस्या दूर होती है।
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है।
- दिल को स्वस्थ रखने में सहायक।
- अस्थमा के रोग दूर करता है।
शुगर बैलेंस के लिए:
- खीरा, करेला, टमाटर का जूस पिएं।
- गिलोय और सदाबहार का रस फायदेमंद है।
- कुटकी और चिरैता भी कारगर है।
- दलिया और मिक्स्ड आटा बेहद लाभकारी है।
हाई बीपी और स्ट्रेस के लिए:
- सौंफ, जटामासी, ब्राह्मी, शंखपुष्पी का रस लें।
- अश्वगंधारिष्ट और सारस्वतारिष्ट भी कारगर।
- लौकी का जूस हाई बीपी में संजीवना है।
मजबूत लंग्स के लिए:
- श्वसारि क्वाथ रोजाना पिएं।
- डैमेज लंग्स में श्वसारि गोल्ड बेहद कारगर।
- लक्ष्मीविलास, संजीवनी वटी और श्वसारि गोल्ड- खाना खाने के बाद एक-एक गोली लें।
- नियमित स्टीम लेना फायदेमंद।
- लहसुन, अदरक, प्याज और हल्दी का लेप लगाएं।
- चेस्ट के लिए लहसुन, अदरक, प्याज और हल्दी से लाभ।
- खांसी होने पर खदरादिवटी-लॉन्गादिवटी लें।
मजबूत दिमाग के लिए:
- ब्रेन के लिए मेधावटी, न्यूरोग्रीट, मेधाक्वाथ लें।
- नींद नहीं आती तो बादाम रोगन का प्रयोग करें।
- मेमोरी लॉस में दूध के साथ बादाम और अखरोट लें।
सेहतमंद दिल के लिए:
- हृद्यामृत हार्ट प्रॉब्लम के लिए बेहद कारगर है।
- अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा पिएं।
एसिडिटी के लिए:
- जीरा, धनिया, मुलैठी, गुलाब का पानी पिएं।
- व्हीटग्रास, एलोवेरा कारगर।
- लौकी का जूस पीने से एसिडिटी दूर होती है।