स्वामी रामदेव से जाानिए मिर्गी का रामबाण इलाज, 3 माह में जड़ से खत्म हो जाएगा ये रोग
मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज के दिमाग में असामान्य तरंगें पैदा होने लगती हैं। जानिए योगासन और प्राणायाम के द्वारा कैसे पाए इससे छुटकारा।
हमारे शरीर में एक नर्वस सिस्टम होता है जिसमें 100 मिलियन से ज्यादा न्यूरॉन होते है। इन न्यूरॉन में केमिकल एक्टिविटी के कारण करंट पैदा होता है। जो दिमाग को मैसेज भेजता है। लेकिन जब यह केमिकल एक्टिविटी कम हो जाती हैं एपिलेप्सी की समस्या हो जाती है। एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। मिर्गी का दौरा 20 सेकंड से 3 मिनट तक रहता है।
आपको बता दें कि देश में करीब 10 लाख लोग इस बीमारी के शिकार है। वहीं दुनियाभर में 5 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त है। स्वामी रामदेव के अनुसार अगर एपिलेप्सी को साधारण भाषा में समझे तो जब जब दिमाग में न्यूरॉन कमजोर हो जाते है। तो वह एक दूसरे से टकराने लगते है। जिसके ठीक ढंग से करंट न उत्पन्न होने के कारण मिर्गी का दौरा पड़ने लगता है। अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो योगासन और प्राणायाम करके इससे 1 से 3 माह में जड़ से खत्म कर सकते है। बशर्ते दिमाग में पड़े कीड़ों के कारण मिर्गी न आ रही हो तो।
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मिर्गी के लक्षण
- बेहोश होना
- झटके लगना
- बॉड़ी लड़खड़ाना
- मुंह से झाग आना
मिर्गी आने की वजह
स्वामी रामदेव के अनुसार मिर्गी आने की कई वजह हो सकती है। एपिलेप्सी की समस्या अधिकतर बच्चों के साथ-साथ युवावस्था में अधिक होती है। पुरुषों को मुकाबले महिलाओं को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ता है।
- ब्रेन स्ट्रोक
- सिर में चोट
- ब्रेन ट्यूमर
- मेनिन्जाइटिस
- नर्वस सिस्टम कमजोर हने पर
- दिमाग में कीड़े होने पर
- बहुत ज्यादा डिप्रेशन होने पर
- असुरक्षा की भावना होने पर
एपिलेप्सी की समस्या से छुटकारा पाने के योगासन
स्वामी रामदेव के अनुसार अगर आप मिर्गी की समस्या से परेशान हैं तो कोई भी योगासन और प्राणायाम को आराम-आराम से करे।
ताड़ासन
- एपिलेप्सी की समस्या में कारगर
- एलर्जी से निपटने में कारगर
- शरीर के दर्द को करे कम
- घुटने और पीठ दर्द में दें राहत
- साइनस और माइग्रेन की समस्या से छुटकारा दिलाए
शीर्षासन
- 3 से 6 माह में एक बार एक दौरा पड़ता है तो शीर्षासन करें।
- तनाव और चिंता से राहत मिलती है
- दिमाग में तेजी से रक्त का संचार होता है
- एकाग्रता बढ़ती है
- शरीर में चुस्ती रहती है
- मिर्गी की समस्या से छुटकारा दिलाने में कारगर
सर्वांगासन
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
- एजिंग को रोकने में सहायक
- शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
- एपिलेप्सी की समस्या में कारगर
मंडूकासन
- मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति प्रतीत होती इसीलिए इसे मंडूकासन कहते हैं
- डायबिटीज , कोलाइटिस को कंट्रोल करे।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- लिवर, किडनी को रखे स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद।
शशकासन
- डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी।
- थकान को भगाकर एनर्जी दें।
- मोटापा कम करने में मददगार।
- लिवर, किडनी रोग के लिए फायदेमंद।
- तनाव और चिंता को करे कम।
- क्रोध, चिड़चिड़ापन से दिलाएं निजात।
- मानसिक रोगों के लिए फायदेमंद।
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उष्ट्रासन
- फेफड़े मजबूत करे
- फेफड़ के दाएं और बाएं ओर ऑक्सीजन भरने में कारगर
- शरीर के दर्द को करे कम
- घुटने और पीठ दर्द में कारगर
- साइटिका का दर्द में लाभकारी
- हाइट बढ़ाने में मददगार
- तनाव और चिंता को करे कम
- अस्थमा रोगियों के लिए कारगर
- गैस और कब्ज से दिलाए निजात
- एपिलेपिसी जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाए
- फेफड़ों को रखें स्वस्थ्य
- पाचन प्रणाली को करे ठीक
वृक्षासन
- कोलाइटिस की बीमारी में कारगर
- बच्चों की एकाग्रता बढ़ाए
- पैरों की मांसपेशियों को करे मजबूत
- शरीर को लचीला बनाए
- बच्चों का कद बढ़ाने में कारगर
- आंख और नाक को रखें स्वास्थ्य
गौमुखासन
- मिर्गी की समस्या में कारगर
- माइग्रेन सो दूर भगाए
- लिवर, किडनी के लाभकारी
- दिल के मरीजों के लिए लाभकारी
- मोटापा कम करने में करे मदद
- गुस्सा, चिड़चिड़ापन से दिलाए छुटकरा
योगमुद्रासन
- डायबिटीज से दिलाए निजात
- पेट से जुड़े रोगों से दिलाए निजात
- वजन घटाने में मदद मिलती है
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए।
- पाचन तंत्र को रखें फिट।
- मन और शरीर को रखें शांत
- एपिलेप्सी की समस्या से दिलाए निजात
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नौकासन
- पाचन शक्ति को ठीक करने में करें मदद
- एसिडिटी, कब्ज से दिलाएं निजात
- पेट, कमर दर्द से दिलाएं निजात
- मिर्गी के दौरे की समस्या से दिलाए निजात
भुजंगासन
- मोटापा दूर करने में कारगर
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनाता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मेटाबॉलिज्म सुधरता है
- फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में भी मदद मिलती है
मकरासन
- एपिलेप्सी से दिलाए निजात
- रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद
- पीठ दर्द में लाभकारी
- मानसिक तनाव से दिलाए छुटकारा
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी को लाभकारी
- एकाग्रता बढ़ाए
- मिर्गी से दिलाए छुटकारा
गौमुखासन
- माइग्रेन सो दूर भगाए
- लिवर, किडनी के लाभकारी
- दिल के मरीजों के लिए लाभकारी
- मोटापा कम करने में करे मदद
- गुस्सा, चिड़चिड़ापन से दिलाए छुटकरा
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मिर्गी से छुटकरारा पाने के लिए करे ये प्राणायाम
भ्रस्त्रिका-
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।
कपालभाति
रोजाना कपालभाति करने से आपके नर्वस सिस्टम के न्यूरॉन ठीक ढंग से काम करेंगे। जिससे आपको मिर्गी की समस्या नहीं होगी। इसके लिए रोजाना 10-15 मिनट कपालभाति करे।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
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शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा।
शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें। इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।