टीबी की समस्या से हैं परेशान तो राहत दिलाएंगे ये प्राणायाम और आयुर्वेदिक उपाय, जानें स्वामी रामदेव से
वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे' मौके पर स्वामी रामदेव से योगिक-आयुर्वेदिक उपाय जानते हैं कि टीबी की बीमारी से बचना कैसे हैं।
Highlights
- ताड़ासन गठिया में बेहद कारगर।
- उष्ट्रासन मोटापा दूर करने में सहायक।
'वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे' पूरी दुनिया में 24 मार्च को मनाया जाता है। इस साल 'वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे' की थीम ही रखी गई है - ' Invest to End TB. Save Lives' यानि ट्यूबरक्लोसिस को खत्म करना है तो सभी देशों को मिलकर अपने रिसोर्स का इस्तेमाल करना होगा ताकि लाखों जान बचाई जा सके। भले ही ये लग रहा हो कि अब टीबी पहले जैसा खतरनाक नहीं है लेकिन हकीकत ये है कि टीबी अब साइलेंट किलर बन चुका है यही वजह है कि 2020 में टीबी से 15 लाख लोगों की जान गई है और वो तब जब 2020 में करीब 1 करोड़ लोग टीबी से इंफेक्टेड हुए थे।
भारत में टीबी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऊपर से पूरी दुनिया के 27 परसेंट टीबी पेशेंट्स सिर्फ भारत में हैं। मतलब ये कि ट्यूबरक्लोसिस को लेकर जीरो टॉलरेंस दिखाने की जरूरत है क्योंकि इसका एक मरीज 5 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। बता दें कि टीबी सिर्फ लंग्स को ही अफेक्ट नहीं करता बल्कि ये शरीर के किसी भी हिस्से को जकड़ सकता है। जिसका कई बार पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है।
टीबी दो तरह का होता है। एक पल्मोनरी टीबी जो फेफड़े में होता है, दूसरा एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी जो बोन्स,यूट्रस,इंटेस्टाइन या फिर शरीर के दूसरे हिस्से में फैलता है। जो फेफड़े वाली टीबी है,वो मरीज के खांसने-छींकने,मुंह-नाक से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलती है। जबकि इसके अलावा जो भी टीबी है वो एक मरीज से दूसरे में नहीं फैलती। ऐसे में 'वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे' मौके पर स्वामी रामदेव से योगिक-आयुर्वेदिक उपाय जानते हैं कि टीबी की बीमारी से बचना कैसे हैं।
World TB Day 2022: सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है टीबी, इन आयुर्वेदिक उपायों से मिलेगा लाभ
टीबी के लक्षण
- कई हफ्तों तक खांसी
- रात में पसीना आना
- बुख़ार रहना
- थकावट होना
- वज़न घटना
- सांस लेने में दिक्कत
- भूख न लगना
- ठंड लगना
टीबी की वजह
- कई दवाओं से
- डायबिटीज़
- किडनी की दिक्कत
- कैंसर
- कुपोषण
- टीबी मरीज से संक्रमण
टीबी को क्योर करने के लिए योगासन
ताड़ासन
- गठिया में बेहद कारगर
- दिल की बीमारी में कारगर आसन
- शरीर को लचीला बनाता है
- थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
तिर्यक ताड़ासन
- वजन घटाने में कारगर
- शरीर को लचीला बनाए
- कमर की चर्बी को करे कम
- कद बढ़ाने के साथ मददगार
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
मकरासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- गैस और कब्ज से राहत मिलती है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द में फायदेमंद
भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- कमर, पीठ दर्द दूर होता है
- इस आसन से छाती चौड़ी होती है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मोटापा कम करने में सहायक
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
सेतुबंधासन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- टांगों को स्वस्थ, मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर कम करने में सहायकपाचन तंत्र में सुधार लाता है
- थायराइड में भी फायदा पहुंचाता है
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- गैस और कब्ज से राहत मिलती है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द में फायदेमंद
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
उत्तानपादासन
- फेफड़ों को रखें हेल्दी
- कमर की चर्बी को करे कम
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
- टीबी के मरीजों के लिए लाभकारी
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- जांघ को बनाए मजबूत
टीबी में कारगर प्राणायाम
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- उद्गीथ
- भ्रामरी
- भस्त्रिका
टीबी से निजात पाने के आयुर्वेदिक उपाय
- स्वाहारि गोल्ड का सेवन खाली पेट करे।
- दिव्य पेय और स्वाहारि पिएं।
- गर्म पानी में दिव्य धारा की कूछ बूंदे या फिर यूके लिपस्टिक और थोड़ी सी हल्दी डालकर इससे स्टीम लें। इसके अलावा अजवाइन सत, लौक, पिपरमिंट और यूके लिपस्टिक गर्म पानी में डालकर स्टीम लें।
- लहसुन, हल्दी, प्याज और अदरक का गाढ़ा पेस्ट बनाकर फेफड़े के ऊपर लगाकर किसी कपड़े से बांध लें।
- दूध, हल्दी, च्यवनप्राश का सेवन करे। इससे जेनेटिक तरीके से होने वाली टीबी से निजात मिलेगा।
- श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें
- लक्ष्मी विलास और संजीवनी खाने के बाद लें
- अस्थमा के लिए स्वर्ण बसंत मालती लें
- फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए लहसुन, तुलसी, नींबू,संतरा, पपीता, तरबूज, पालक , अदरक, कच्ची हल्दी और गिलोय का सेवन करे।
- अखरोट और लहुसन का पेस्ट बना लें। इसके बाद कढ़ाई में गाय का घी डालकर इसमें थोड़ी सी अजवाइन, जीरा, हींग डाल दें और लहसुन और अखरोट को डालकर हल्का भुन लें। इसे 2-2 चम्मच खाएं।
- लौकी की सब्जी खाएं।
- लौकी का सूप पिएं। पुदीना, धनिया और लौकी का पेस्ट बनाकर गाय के घी में जीरा, अजवाइन और हींग डालकर भुन लें।
- संतरा का सेवन खाली पेट खाएं।
- नारियल का पानी में शहद के साथ ले लें।