मेरी जान तिरंगा..शान तिरंगा..आन तिरंगा
हर तरफ तिरंगे की धूम है...सड़कों से लेकर..घरों-दफ्तर और गाड़ियों में..शान से तिरंगा लहराता नजर आ रहा है। हो भी क्यों ना देश को आजाद हुए पूरे 75 साल हो गए हैं। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हिंदुस्तान में 'हर घर तिरंगा अभियान' की शुरुआत हो चुकी है। ना सिर्फ ऊंची इमारतें बल्कि आसमान में भी हर तरफ तिरंगा ही दिखाई देगा। क्योंकि आजादी का जश्न पतंग उड़ाये बिना अधूरा है।
लेकिन पतंग की यही डोर..अब चाइनीज मांझे में बदल गई। सूती धागे की जगह प्लास्टिक का इस्तेमाल होने लगा है। जिस पर मजबूती के लिए शीशे और कैमिकल की लेप लगाया जाता है। इसका नतीजा ये हुआ कि सुंदर..हल्का और उम्मीदों से भरा..हमारे बचपन का ये खिलौना, मौत की वजह बन रहा है। उड़ती पतंगों को काटने की होड़ में बेजुबान पंक्षियों और इंसानों की जिंदगी की डोर काटने लगा है।
चाइनीज मांझे पर बैन के बावजूद भी आये दिन पतंग की डोर से घायल होने और जान जाने की खबरें आती रहती हैं। जबकि हमें ये सोचना होगा..असली खुशी लापरवाही में नहीं दूसरों की हिफाजत करने में है। ये मुमकिन भी है बस इसके लिए जरूरी है स्ट्रॉन्ग विल पॉवर, हेल्दी बॉडी और दूसरों की जान बचाने की चाहत और इसके लिए आज से बेहतर दिन नहीं हो सकता। क्योंकि आज 'वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे' है। कभी ऑर्गन फेल्यॉर के चलते, तो कभी एक्सीडेंट की वजह से..ऑर्गन ट्रांसप्लांट जरूरी हो जाता है। लेकिन कई लोगों की जान सिर्फ इसलिए चली जाती है..क्योंकि उन्हें वक्त पर डोनर नहीं मिल पाता।
आपको बता दें -10 करोड़ लोगों में सिर्फ 8 लोग ऑर्गेन डोनेट करते हैं। जबकि भारत में हर साल 25 हजार डोनर्स की जरुरत है। तो चलिए..हर घर तिरंगा अभियान..चाइनीज मांझे का बहिष्कार..साथ में योगगुरु के साथ सेहतमंद रहने के लिए उपाय जानते हैं।
अंगदान है महादान
- देश में 10 करोड़ में सिर्फ 8 ऑर्गन डोनर
- 25 हजार डोनर की हर साल जरुरत
- 1 डोनर से बचेगी 8 लोगों की जिंदगी
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