World Mental Health Day 2021: स्वामी रामदेव से जानिए बॉडी के साथ ब्रेन को कैसे रखें हेल्दी
कई बार जांच होने पर ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का पता चलता है, जिसमें पार्किसन, अल्जाइमर, डिमेंशिया, ब्रेन इंजरी और ब्रेन ट्यूमर शामिल है। ऐसे में जरूरी है कि मामला गंभीर होने से पहले सावधान हो जाया जाए।
आज भी छोटे-बड़े सबको अपने बचपन के किस्से याद आते होंगे, लेकिन उस समय की बात याद रखना अब सबके लिए शायद उतना आसान नहीं हो पाता। बचपन की बहुत-सी अहम बातें ऐसी होती हैं, जो हम याद करने की कोशिश जरूर करते हैं, लेकिन कई बार वो हमसें स्लिप होने लगती हैं। हम चीजों को शायद भूलने लगते हैं। ये याददाश्त के कमजोर होने की निशानी है। अक्सर कहा ये जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ दिमाग कमजोर होने लगता है, लेकिन अब तो यंग एज में भी ये परेशानी बहुत ही कॉमन है और लोगों में देखने को मिल भी रही है और जब शरीर में ब्रेन को सबसे स्ट्रॉन्ग माना जाता है, तब ये हाल हो तो थोड़ी टेंशन होती है।
घर हो या ऑफिस, हर जगह दिमाग लगातार काम करता रहता है। दरअसल, ब्रेन हमारी बॉडी को कंट्रोल करता है। शरीर को चलाने में स्पाइनल कॉर्ड, नर्व्स और न्यूरॉन्स का एक बड़ा नेटवर्क शामिल है। नर्वस सिस्टम आंख, नाक, कान, टेस्ट, टच और मसल्स को रेग्युलेट करती हैं। यही वजह है कि कई बार एक्सीडेंट की वजह से तो कई बार लाइफस्टाइल डिजीज के कारण हमारे नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है।
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नर्वस सिस्टम में खराबी आने से ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और मसल्स से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं। मसलन नसों में ताकत की कमी, नसों में दर्द, ज्यादा पसीना आना, हाथ-पैर कांपना, ये तमाम लक्षण नज़र आने लगते हैं। जांच होने पर ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का पता चलता है, जिसमें पार्किसन, अल्जाइमर, डिमेंशिया, ब्रेन इंजरी और ब्रेन ट्यूमर शामिल है। ऐसे में जरूरी है कि मामला गंभीर होने से पहले सावधान हो जाया जाए। आज वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे है। ऐसे में स्वामी रामदेव ने बताया है कि बॉडी के साथ-साथ ब्रेन की हेल्थ का कैसे ख्याल रखा जाए।
न्यूरो प्रॉब्लम
- एक्सीडेंट की वजह से चोटिल होना
- डायबिटीज की वजह से नर्व्स कमजोर होना
- हाई ब्लड प्रेशर
- नसों में फैट जमना
- ऑटोइम्यून डिजीज से टिशू डैमेज होना
ब्रेन डिसऑर्डर की वजह
- दुर्घटना
- खराब खान पान
- डायबिटीज
- हाई बीपी
न्यूरो प्रॉब्लम के लक्षण
- नसों में ताकत की कमी
- नसों में दर्द
- ज्यादा पसीना आना
- हाथ-पैर कांपना
- समझ-बूझ में कमी
ब्रेन डिसऑर्डर की बीमारियां
- पार्किंसन
- अल्जाइमर
- ब्रेन इंजरी
- डिमेंशिया
- ब्रेन ट्यूमर
- स्ट्रोक
- एपिलेप्सी
- मस्कुलर डिस्ट्रोफी
ब्रेन को हेल्दी रखने के 5 उपाय
- एक्सरसाइज
- बैलेंस डाइट
- तनाव से दूर
- अच्छी नींद म्यूजिक
ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए फूड
- अखरोट
- बादाम
- काजू
- अलसी
- पंपकिन सीड्स
ब्रेन रहेगा हेल्दी
- डार्क चॉकलेट
- ब्लू बेरी
- ब्रोकली
- संतरा
- गाय का घी
- दूध
- हल्दी
- शिलाजीत
रोजाना पिएं इनका रस
- एलोवेरा
- गिलोय
- अश्वगंधा
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए करें ये काम
- पाचन ठीक रखें और पेट साफ हो।
- हरी सब्जियां और पपीता खाएं।
- चीकू, अमरूद और सेब खाएं।
- दूध में हल्दी-शिलाजीत मिलाकर खाएं।
योग से क्योर, ब्रेन के रोग
- मंडूकासन
- शशकासन
- योगमुद्रासन
- वक्रासन
- गोमुखासन
- पवनमुक्तासन
यौगिक जॉगिंग के फायदे
- बॉडी में एनर्जी आती है
- वजन कम करने में मददगार
- शरीर मजबूत बनता है
- बॉडी फ्लेक्सिबल बनती है
- हाथ-पैर मजबूत होते हैं
योगमुद्रासन के फायदे
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- छोटी-बड़ी आतें सक्रिय होती हैं
- कब्ज की समस्या दूर होती है
- गैस से छुटकारा मिलता है
सूर्य नमस्कार के फायदे
- इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करता है
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन घटाने में मददगार
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होता है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है
वृक्षासन के फायदे
- इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करता है
- पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं
- शरीर को लचीला बनाने में कारगर
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- नजर और फोकस अच्छा होता है
शीर्षासन के फायदे
- चेहरे पर चमक आती है
- सुंदरता बढ़ती है
- मेमोरी तेज होती है
- ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
- सिरदर्द में आराम मिलता है
- डिप्रेशन दूर होता है
सर्वांगासन के फायदे
- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है
- एकाग्रता बढ़ती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- सिरदर्द ठीक होता है
हलासन के फायदे
- दिमाग शांत होता है
- थायराइड की बीमारी ठीक होती है
- स्ट्रेस और थकान मिटाता है
- रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है
मर्कटासन के फायदे
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनाता है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए फायदेमंद
- पेट से जुड़ी परेशानी दूर होती है
- गुर्दे, अग्नाशय, लिवर सक्रिय होते हैं
पवनमुक्तासन के फायदे
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
भुजंगासन के फायदे
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- छाती चौड़ी होती है
कारगर प्राणायाम
- अनुलोम विलोम
- शीतली
- शीतकारी
- उज्जायी
- उद्गीथ
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
भस्त्रिका के फायदे: लंग्स क्लियर करता है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक।
अनुलोम विलोम के फायदे: बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। तनाव और चिंता दूर होती है। अस्थमा के रोग को दूर करता है।
कपालभाति के फायदे: नर्व मजबूत बनते हैं। सांस लेने में आसानी होती है। पेट के लिए बेहद कारगर है।
उज्जायी के फायदे: ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है। दिल के रोगों में फायदेमंद। दिमाग को शांत करता है। शरीर में गर्माहट आती है।
उद्गीथ के फायदे: तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने में मदद करता है। नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है। मेमोरी पावर बढ़ाता है।
स्ट्रेस के निजात के लिए: मेधा क्वाथ का काढ़ा पिएं। बादाम रोगन एक चम्मच दूध से लें। मेधावटी सुबह-शाम लें।
नर्वस सिस्टम के लिए: अश्वगंधा और शतावर का पाउडर लें। रोज सुबह-शाम दो चम्मच लें।