कोरोना काल में यूं बदल गई दुनिया भर की फूड च्वॉइस, नॉनवेज को ना, मसालों से बढ़ी नजदीकी
कोरोना के खौफ ने दुनिया को जिंदा रहने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड की तरफ आकर्षित किया है।
दुनिया भर में आज वर्ल्ड फूड डे मनाया जा रहा है। देखा जाए तो कोरोना काल में फूड को लेकर दुनिया भर की च्वॉइस बदल गई है। पहले जहां जनता जंक फूड, नॉनवेज और पैकेज्ड फूड की दीवानी थी वहीं कोरोना के खौफ ने दुनिया को जिंदा रहने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड की तरफ आकर्षित किया है। आइए जानते हैं कि कोरोना काल में दुनिया का झुकाव किस तरह के फूड च्वॉइस की तरफ गया है।
बैलेंस्ड डाइट
कोरोना उन्हीं लोगों को निशाना बनाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में कोरोना के कहर से बचने के लिए दुनिया में ऐसे फूड का खपत ज्यादा हुई जिससे इम्यूनिटी बढ़ाई जा सके। जो बेलेंस्ड डाइट के जरिए मिलता है। ताजा पका हुआ खाना, पैकेज्ड फूड पर भारी पड़ा और लोगों ने अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए इसे तरजीह दी।
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रेस्टोरेंट के खाने से बढ़ी दूरी
लॉकडाउन ने दुनिया भर के रेस्टोरेंट बंद करवा दिए। लोगों को घर पर ही खाना बनाना पड़ा और ये अनुभव वाकई शानदार रहा कि जनता ने बेहतरीन खाना बनाया। शरीर को स्वस्थ रखने वाले भोजन की मांग बढ़ी, वो लोग जो हफ्ते में चार बार बाहर खाते थे, ऐसे लोग भी घर में बना ताजा औऱ शुद्ध खाना खाते देखे गए।
नॉनवेज से बढ़ी दूरी
कोरोना के खौफ के चलते नॉनवेज के प्रति भी उदासीनता देखी गई। कोरोना के संक्रमण से डरते हुए जनता से नॉनवेज से दूरी बनाई और शाकाहार की तरफ झुकाव दिखाई दिया। ये बड़ी बात थी कि यूरोपीय देशों में भी जनता ने शाकाहार पर भरोसा दिखाया। हरी ताजी सब्जियों की खपत बढ़ी।
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आयुर्वेद का बोलबाला
आयुर्वेदिक तरीके को जनता ने अपने फूड का हिस्सा बनाया। मसालों की खपत बढ़ी और जनता ने मसालों जैसे जीरा, अजवायन, लहुसन जैसे मसालों ने इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश की। भारतीय आय़ुष मंत्रालय ने भी जनता से गर्म पानी पीने, लहुसन, अदरक, जीरा अजवायन जैसे मसालों के काढ़े को बनाकर पीने की अपील की ताकि शरीर को अंदर से मजबूती मिले औऱ वो कोरोना का सामना कर सके।