World Cancer Day: दुनिया की आधी आबादी अब भी जरूरी हेल्थ केयर की मोहताज है। उसमें भी जब बात कैंसर की आती है तो ज्यादातर लोगों को बेसिक केयर भी नहीं मिल पाती। कई बार वक्त पर सही इलाज नहीं मिलना जान पर भारी पड़ जाता है।
वर्ल्ड कैंसर डे पर आई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कैंसर से होने वाली 70 परसेंट मौत उन देशों में होती है जहां इलाज की अच्छी सुविधा नहीं है। अगर वक्त रहते सही इलाज मिल जाए तो बचपन में होने वाले कैंसर के 80 परसेंट मामलों में रिकवरी के चांसेस रहते हैं।
दुनिया भर में हर साल कैंसर से करीब एक करोड़ लोगों की मौत होती है, जिसमें 70 परसेंट 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग होते हैं। 'वर्ल्ड कैंसर डे' पर इस बार की थीम है- Close The Care Gap यानि मेडिकल सुविधा सबको मिले।
जाहिर है अगर वक्त रहते इसकी पहचान हो जाए तो कैंसर से बचा जा सकता है। जिसके लिए जरूरी है कि रेगुलर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाए जाएं और हेल्दी लाइफ स्टाइल रखा जाए। आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं आज वर्ल्ड कैंसर डे पर कैसे रखें खुद को स्वस्थ और तंदुरुस्त।
कैंसर के लक्षण - शरीर में कही भी गांठ बनना
- खून जमना या बहना
- बिना वजह आवाज बदल जाना
- लगातार बुखार आना
- लगातार वजन कम आना
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ब्रेस्ट कैंसर से निजात पाने के लिए आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास, गिलोय, तुलसी, नीम, हल्दी का जूस रोजाना सुबह पिएं। इसके अलावा गांठ को कम करने के लिए कंचनार काढ़ा पिएं।
कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज - सिला सिंदूर माह में करीब 4 ग्राम, ताम भस्म 1 ग्राम, स्वर्ण बसंत, मालती प्रवाह पंचामृता 3-3 और मोतीपिष्टी 10 ग्राम लेकर 1-1 ग्राम की 60 पुड़िया बना लें और रोजाना इसका सेवन करे।
- खाली पेट 1-2 ग्राम हल्दी खाएं। इससे किसी भी तरह की गांठ नष्ट हो जाएगी।
- कैंसर की समस्या से निजात दिलाने में गौधन अर्क भी काफी कारगर है। रोजाना 2 चम्मच इसे पिएं।
- 11- 21 पत्ते तुलसी के दही के साथ खाली पेट खाएं। इससे भी कैंसर के इलाज में लाभ मिलेगा।
- ब्लड कैंसर की समस्या के लिए रसमाणिक्य 4 ग्राम, मोतीपिष्टी 4 ग्राम, स्वर्ण बसंत मालती, प्रवाह पंचामृता और ताम्र भस्म 1 ग्राम लेकर 60 पुड़िया बना लें और रोजाना 1-1 पुड़िया लें। इसके अलावा संजीवनी वटी, वृद्धि वाटिक वटी, कंचनार वटी 1-1 गोली खा सकते हैं।
- पेट के कैंसर के लिए भूमि आंवला, पूर्ननवा, मकोय का सेवन करे।
- गले का कैंसर के लिए सिष्टोग्रिट डायमंड खाली पेट और लक्ष्मीविलास संजीवनी खाने के बाद लें।
- गले में भयानक दर्द हैं तो मिट्टी में हल्दी, अदरक, एलोवेरा और मिलाकर लेप लगा लें। आप चाहे तो इसमें तुलसी, अपामार्ग भी मिला सकते हैं। इससे गांठ घुलने लगती हैं। इसके साथ ही दर्द से लाभ मिलता है।
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