अमेरिका: हजारों लोगों पर किया जा रहा है कोरोना वायरस वैक्सीन का फाइनल टेस्ट
सबसे बड़ी कोविड-19 की वैक्सीन को सयुंक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा सोमवार को तीस हजार लोगों को फाइनल टेस्ट शुरू हो चुका है।
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच दुनियाभर की निगाहें सिर्फ कोरोना वैक्सीन पर ही टिकी है। हर कोई इंतजार कर रहा है कि आखिर कब कोविड-19 की वैक्सीन आएगी। जिससे इस संकट से रहात मिलेगी। इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई हैं। कोविड-19 की वैक्सीन का सयुंक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा फाइनल ट्रायल शुरू हो चुका है। यह कई दिनों तक जारी रहेगा और हजारों लोगों को इस ट्रायल के जरिए वेक्सीन लगाकर जांच की जा रही है।
हालांकि अभी तक इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मॉडर्न द्वारा विकसित ये प्रायौगिक वैक्सीन वास्तव में काम करेगी कि नहीं।
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वॉलिंटियर्स को इस बारे में पता नहीं चलेगा कि उन्हें असली शॉट दिया जा रहा है या फिर डमी वर्जन दिया गया है। दो खुराक के बाद वैज्ञानिक उन्हों बहुत ही बारीकी से ट्रैक करेंगे कि कौन सा समूह अधिक संक्रमण का अनुभव करता है जब वह दैनिक दिनचर्या में जाते हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां वायरस अभी भी अनियंत्रित फैल रहा है।
एनआईएच के डॉ एंथोनी फौसी ने हाल ही में एसोसिएटेड प्रेस को बताया था कि दुर्भाग्य से संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिक मात्रा में संक्रमण फैला हुआ है।
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मॉडर्न ने कहा कि देश के चारों ओर फैले हुए सात दर्जन से अधिक परीक्षण स्थलों में से पहली बार जॉर्जिया के सवाना में इसका टीकाकरण किया गया था।
चीन और ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा इस महीने की शुरुआत में किए गए। इसके अलावा ब्राजील में इसका फ्राइनल स्टेज चल रहा है। लेकिन वहीं सयुंक्त राज्य अमेरिका इस बारे में कुछ अलग ही कर रहा है।
अमेरिका चाहता है कि उनके यहां देश में इस्तेमाल होने वाले किसी भी वैक्सीन के अपने परीक्षणों की आवश्यकता है। हर महीने कोरोना वायरस के संक्रमितों में आई गिरावट के माध्यम से, सरकार द्वारा वित्त पोषित COVID-19 रोकथाम नेटवर्क एक प्रमुख उम्मीदवार के नए अध्ययन को पूरा करेगा जोकि 30,000 नए वॉलिंटियर के साथ किया जाएगा।
बड़े पैमाने पर अध्ययन सिर्फ यह जांचने के लिए नहीं हैं कि क्या शॉट्स काम करते हैं - उन्हें प्रत्येक संभावित टीका की सुरक्षा की जांच करने की आवश्यकता होती है। और समान अध्ययन नियमों का पालन करने से वैज्ञानिकों को अंततः सभी शॉट्स की तुलना करने में मदद मिलेगी।
अगर सभी शेड्यूल के अनुसार चले तो ऑक्सफोर्ड शॉट का अंतिम अध्ययन अगस्त में शुरू होगा। सितंबर में जॉनसन एंड जॉनसन और अक्टूबर में नोवाक्सैक्स से एक उम्मीदवार का परीक्षण करने की योजना है। फाइजर इंक ने इस गर्मी में अपने 30,000 लोगों के अध्ययन की योजना बनाई है।
इनपुट एपी