World Antimicrobial Awareness Week (Nov 18 to 24): आधुनिक समय में बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए दी जाने वाली दवाओं का असर काफी कम हो रहा है। इस स्थिति को माइक्रोबियल रेजिस्टेंस कहा जाता है। WHO के मुताबिक, एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस तब होता है, जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और पैरासाइट्स समय के साथ बदलते हैं। इस स्थिति में एंटी-माइक्रोबियल दवाओं (AMR) का असर कम या फिर बिल्कुल भी नहीं होता है, जिसकी वजह से संक्रमण का इलाज करना काफी ज्यादा कठिक हो जाता है और बीमारी फैलने की संभावना और गंभीरता काफी ज्यादा बढ़ जाती है। रिसर्च के मुताबिक, बैक्टीरिया में एएमआर के कारण 2019 में लगभग 1.27 मिलियन लोगों की जान गई हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक्स के बारे में जानना और जागरूक होना बहुत ही जरूरी है।
हम में से कई लोग इस बात से अंजान हैं कि एंटी-बायोटिक दवाओं का सेवन किसी भी स्थिति में करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इस जागरुकता को बढ़ाने के लिए विश्व स्तर पर हर साल 18 से 24 नवम्बर वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस (वर्ड एंटी-बायोटिक अवेयरनेस वीक) वीक मनाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को एंटी-माइक्रोबियल दवाओं के प्रति जागरुकता फैलाना है। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण विषय के बारे में कुछ अहम बातें-
कब से शुरू हुआ एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक - World Antimicrobial Awareness Week 2022
मई, 2015 में हुए अड़सठवीं (Sixty Eight) विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में एंटीबायोटिक दवाओं और अन्य एंटी-माइक्रोबियल दवाओं के रेजिस्टेंस की बढ़ती समस्याओं से निपटने के लिए एक वैश्विक कार्य योजना का प्रस्ताव रखा गया। इस योजना का उद्देश्य लोगों को एएमआर (माइक्रोबियल रेजिस्टेंस) के प्रति जागरुक करना था। बता दें कि वर्ल्ड एंटी-माइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (World Antimicrobial Awareness Week 2022) एक वैश्किक स्तर का अभियान है, इस अभियान का उद्देश्य लोगों में एएमआर के प्रति जागरुकता फैलाना है। एंटी-माइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (World Antimicrobial Awareness Week 2022) की इस साल की थीम “Preventing Antimicrobial Resistance Together” रखी गई है।
एंटी-माइक्रोबियल का कब दिखता है साइडइफेक्ट
हम में से कई ऐसे लोग हैं जो बिना डॉक्टर की सलाह के एंटी-माइक्बोरियल दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसकी वजह से शरीर में कुछ साइड-इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं। आइए जानते हैं किन स्थितियों में एंटी-माइक्रोबियल का साइड-इफेक्ट दिख सकता है?
- सही समय पर दवाएं न लेना।
- अपने मुताबिक दवाओं की डोज बढ़ाना और कम करना।
- बिना डॉक्टरी सलाह के दवाओं का सेवन करना, इत्यादि।
- एंटी-बायोटिक्स से जुड़ी गलतियां।
- सर्दी-जुकाम होने पर पहले दिन न लें दवाएं।
- बिना डॉक्टरी सलाह के घर पर रखी दवाओं का सेवन करना।
- वायरल इंफेक्शन होने पर एंटी-माइक्रोबियल दवाओं का सेवन करना।
- डॉक्टर द्वारा दी जानें वाली दवाओं का सेवन समय पर न करना, इत्यादि।
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