कब भूलने की आदत अल्जाइमर बन जाती है? एक्सपर्ट से जानें कारण और शुरुआती लक्षण
Alzheimer's day 2023: अल्जाइमर को आम भाषा में लोग भूलने की बीमारी कहते हैं। लेकिन, ये इस तक भी सीमित नहीं है। ऐसे में एक्सपर्ट से जानते हैं कारण और तमाम लक्षण।
Alzheimer's day 2023: अल्जाइमर ब्रेन से जुड़ी बीमारी है जिसमें समय के साथ मेमोरी कम होने लगती है और हमारे सोचने की क्षमता भी प्रभावित होने लगती है। इतना ही नहीं इस बीमारी में रीजनिंग स्कील्स भी प्रभावित होने लगते हैं। पर आम लोगों में इस बीमारी को लेकर कुछ खास जानकारी नहीं है। जैसे कि एक सीधा सा सवाल ये है कि अल्जाइमर की शुरुआत कैसे होती, इनके कारण क्या हैं और इस बीमारी में किन लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसे ही तमाम चीजों के बारे में हम विस्तार से जाना डॉ. अनिमेष कर
कंसलटेंट- न्यूरोलॉजी नारायणा हेल्थ आर एन टैगोर हॉस्पिटल, कोलकाता
अल्जाइमर की शुरुआत कैसे होती है-How does Alzheimer's start in the body
डॉ. अनिमेष कर बताते हैं कि अल्जाइमर को लेकर कई बार लोग ध्यान नहीं देते, क्योंकि इसके लक्षण शुरुआती स्तर पर ज्यादा समझ में नहीं आते। इसमें आदमी को शुरुआत में भूलने की समस्या उत्पन्न होने लगती है और बाद में यह समस्या अधिक बढ़ जाती है। इसमें मरीज के दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं और इसी कारण मनुष्य की याददाश्त कमजोर होने लगती है।
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क्या उम्र से अल्जाइमर का नाता है-How is Alzheimer is related to age
अल्जाइमर रोग उम्र बढ़ने से जुड़ा हुआ है। ये केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में एक पुरानी सूजन की स्थिति है जब क्रोनिक न्यूरोइन्फ्लेमेशन के कारण पैदा हो सकती है। डॉ. अनिमेष कर बताते हैं कि यह बीमारी अक्सर 50 साल के बाद होती हैं पर आजकल कई सारे मामले ऐसे देखने को मिल रहे हैं, जिसमें 30 या 40 साल के लोग भी इससे ग्रसित होते हुए दिख रहे हैं।
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अल्जाइमर का कारण-Alzheimer causes in hindi
अल्जाइमर के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे
-नींद की कमी
-चिंता या फिर डिप्रेशन
-सिर में दर्द
-विटामिन B 12 की कमी
-डायबिटीज की समस्या के कारण
-अनियमित जीवनशैली।
हालांकि इसका कोई सटीक इलाज नहीं है पर अपनी कुछ कमियों को दूर कर इस पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आप अपनी जीवनशैली को ठीक करें, नियमित व्यायाम करें, पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें और जैसे ही आपको इसके लक्षण समझ में आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श से और उसी के अनुसार की मरीज की देखभाल करें तब जाकर कुछ नियंत्रण किया जा सकता है।