महिलाएं मल्टीटास्किंग होती है इस बात में कोई दोराय नहीं है। एक साथ कई जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना कोई महिलाओं से सीखे। लेपटॉप खोलकर ऑफिस का काम कर रही होती हैं और कुकर में बन रही दाल और उसकी सीटियां भी गिन रही होती है। घर में आने वाले कोरियर से लेकर बच्चे को स्कूल से लाने तक, हर छोटी बड़ी चीज का ख्याल रहती हैं। लेकिन अपने सेहत को लेकर महिलाएं थोड़ी लापरवाह हो जाती है। कमर का दर्द और सिर दर्द को तो रोज नजरअंदाज करती है, लेकिन कई बार ये लापरवाही आपको और आपके परिवार को मुसीबत में डाल सकती है। इसलिए बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को कुछ मेडिकल टेस्ट जरूर करवा लेने चाहिए। डॉक्टर्स की मानें तो 30-35 की उम्र के बाद ये जांच करना जरूरी हो जाता है।
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थायराइड फंक्शन टेस्ट- भारत में थायराइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 30 साल के बाद महिलाओं को थायराइड का टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। इसके लक्षण हार्मोंस में बदलाव, वजन बढ़ना, पीरियड्स के तारीख आगे-पीछे होना है।
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डायबिटीज का टेस्ट- आजकल की लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज के मरीज हर दिन बढ़ रहे हैं। उम्र बढ़ने के साथ आपको ब्लड शुगर की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। डायबिटीज होने पर शरीर में इंसुलिन ठीक से नहीं बन पाता है, जिससे शरीर में कमजोरी और थकान रहती है।
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कैंसर की जांच- 35 की उम्र के बाद महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर की भी स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर के लिए 35 की उम्र के बाद BRCA जीन टेस्ट कराया जाता है। हर महिला को ये दो टेस्ट जरूर करवा लेने चाहिए। सही समय पर कैंसर का पता लगने से जान बच सकती है।
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कंप्लीट ब्लड काउंट(CBC)- सीबीसी को पूरे शरीर के जांच के लिए अहम टेस्ट माना जाता है। इससे शरीर में होने वाले इंफेक्शन, एनीमिया और कई तरह के डिसऑर्डर के बारे में पता लगाया जा सकता है। इससे हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स के बारे में भी पता चलता है। महिलाओं को समय समय पर ये टेस्ट कराते रहने चाहिए।
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हार्ट का टेस्ट- बढ़ती उम्र का असर दिल की सेहत पर भी होने लगता है। इसलिए 35 साल के बाद महिलाओं को अपना हार्ट टेस्ट भी जरूर करवाना चाहिए। इससे हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और हाइपर कार्डियोमायोपैथी जैसी समस्याओं का समय रहते पता लगाया जा सकता है।
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