कहीं ये बर्फीली हवा बढ़ा न दे नसों की परेशानी, स्वामी रामदेव से जानिए प्रचंड ठंड के प्रहार से बचने के उपाय
अगर आप भी चाहते हैं कि सर्द हवा में नर्व्स कमजोर ना पडे़ं तो योग गुरु स्वामी रामदेव से जानिए सर्कुलेटरी सिस्टम को एक्टिव रखने वाले योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपाय।
आज से फिर शीत लहर लौट रही है। यानि अगले तीन-चार दिन तक पूरा उत्तर भारत कांपेगा। टेंपरेचर 5 डिग्री से माइनस एक डिग्री तक जाने की आशंका है। मौसम विभाग की तरफ से बकायदा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मतलब ये कि अब सावधान हो जाइए, ठंड का कहर झेलने के लिए एकबार फिर तैयार हो जाइए क्योंकि लद्दाख से लेकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के पहाड़ों पर भारी बर्फबारी हुई है और इसकी वजह से बर्फीली हवाएं फिर से बहने लगी हैं। अब इसका सीधा असर एक बार फिर आपकी सेहत पर पड़ने वाला है।
सर्द हवाएं बढ़ाएंगी परेशानियां
ये सर्द हवाएं सांस की बीमारी तो बढ़ाएंगी ही साथ ही शरीर की नसों और जोड़ों की परेशानी भी बढ़ाएंगी। क्योंकि ठंड में नसें सिकुड़ने लगती हैं, एटमॉस्फेरिक प्रेशर भी लो हो जाता है। आलस की वजह से सर्दी में लोगों की फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो जाती है। लोग पानी भी कम पीते हैं और इन सबकी वजह से नसों और हड्डियों के जोड़ सख्त हो जाते हैं। इन सबकी वजह से फिर सेहतमंद लोगों को भी चलने-फिरने, उठने-बैठने में परेशानी होती है। लेकिन ये सर्दी उनको सबसे ज्यादा तड़पाती है जो पहले से ही नसों की किसी ना किसी बीमारी की गिरफ्त में होते हैं, चाहे वो बेकर्स सिस्ट की परेशानी ही क्यों ना हो।
क्या होता है बैकर्स सिस्ट?
बता दें कि बैकर्स सिस्ट घुटने के पीछे लिक्विड से भरी एक गांठ होती है जो जोड़ों की परेशानी या फिर कार्टिलेज के फटने से होती है और इसकी वजह से अकड़न और दर्द महसूस होता है। अगर आप भी चाहते हैं कि सर्द हवा में नर्व्स कमजोर ना पडे़ं तो योग गुरु स्वामी रामदेव से जानिए सर्कुलेटरी सिस्टम को एक्टिव रखने वाले योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपाय।
नसों की बीमारी की वजह
- घंटों बैठकर काम
- लगातार खड़े रहना
- बढ़ती उम्र
- मोटापा
- नो फिजि़कल एक्टिविटी
- फैमिली हिस्ट्री
- हार्मोनल चेंजेज
वैरिकोज़ के लक्षण
- नीली नसें
- नसों का गुच्छा
- पैरों में सूजन
- मसल्स में ऐंठन
- स्किन पर अल्सर
नर्व्स के लिए रामबाण ये घरेलू नुस्खे
- एप्पल विनेगर से मसाज
- जैतून के तेल से मालिश
- बर्फ से नसों पर मसाज
नर्व्स बनेंगे मजबूत
- गिलोय
- अश्वगंधा
- गुग्गुल
- गोखरू
- पुनर्नवा
वैरिकोज वेन्स का इलाज
- कपिंग थेरेपी
- लीच थेरेपी
- मिट्टी लेप
- रश्मि चिकित्सा
नसों का रखें ख्याल
- वज़न कंट्रोल
- कम नमक
- कम चीनी
- टाइट कपड़े ना पहनें
नसों पर लगाएं
- अदरक पेस्ट
- पिपली पेस्ट
- जायफल पेस्ट
नसों के लिए फायदेमंद
- लौकी
- नींबू
- संतरा
- छाछ-लस्सी
- मिक्स दालें
नसों में कारगर मिट्टी के लेप
- मुल्तानी मिट्टी
- एलोवेरा
- हल्दी
- कपूर
- नीम
- गुग्गुल
सर्दी रहेगी दूर
- खीरा, करेला, टमाटर का जूस लें।
- गिलोय-नीम का काढ़ा पीएं।
- मंडूकासन-वक्रासन, पवनमुक्तासन करें।
- 15 मिनट कपालभाति करें।
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