सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखती हैं इन 4 आटों से बनी रोटियां, जरूर करें ट्राई
गेहूं के आटे से बनी रोटी तो हर सीजन में खाई जाती है। लेकिन, सर्दी के मौसम में अलग-अलग तरह के आटे की रोटियां डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि तमाम तरह की रोटियां खाने से हमारी बॉडी को कितनी ताकत मिलती है।
सर्दियों के मौसम में ठंड से बचाव ना करने पर कोई भी बीमार पड़ सकता है। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। ये तभी मुमकिन है जब हम अपने खाने-पीने में किसी तरह की लापवाही ना बरतें। साथ ही ठंड के मौसम में शरीर को अंदर से गर्म रखना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए कई नैचुरल तरीके हैं। इन्हीं में से एक है अलग-अलग प्रकार के गेहूं के आटे की बनी रोटियां खाना।
किडनी स्टोन में पालक खाना हो सकता है नुकसानदायक, इन फूड्स से बना लें दूरी
गेहूं के आटे का इस्तेमाल साधारण तौर पर हर घर में होता है। लेकिन, इसके अलावा भी दूसरे पोषक तत्वों वाले आटे के व्यंजनों को भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे ना सिर्फ आपके स्वाद में बदलाव आएगा बल्कि इन आटों में मौजूद पोषण आपके शरीर के लिए फायदेमंद होगा। इन आटों से बनी रोटियां स्वादिष्ट होने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती हैं। आज हम आपको 4 तरह के आटे से बनी रोटियों के बारे में बताएंगे जिनके सेवन से आपका शरीर अंदर से गर्म रहेगा और ज्यादा ताकत भी मिलेगी।
सर्दियों में इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए करें इस आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन, स्वामी रामदेव से जानिए बनाने का सही तरीका
बाजरे का आटा
सर्दियों के मौसम में बहुत से लोग बाजरे के आटे की रोटी बड़े चाव से खाते हैं। बाजरे के आटे में फाइबर और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है। इस आटे की ना सिर्फ चपातियां बल्कि उत्तपम, दलिया और खिचड़ी भी बनाई जा सकती है। बाजरे का आटा पाचन क्रिया को तो दुरुस्त रखता ही है। साथ ही कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है। बाजरा खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
ज्वार का आटा
ज्वार का आटा ग्लूकान फ्री होता है और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा इस आटे का सेवन करने से शरीर में शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। दिल के मरीजों के लिए भी ज्वार का आटा काफी फायदेमंद है। ज्वार के आटे का सेवन करने से शरीर में जलन, मोटापा, गैस, घाव और बवासीर जैसी शिकायतें नहीं होती हैं। ज्वार की रोटियों के अलावा आप इसके आटे से उपमा, डोसा और यहां तक कि पैनकेक्स भी तैयार कर सकते हैं।
बढ़े हुए यूरिक एसिड से छुटकारा दिलाने में कारगर है गेंहू का ज्वार, बस ऐसे करें इस्तेमाल
मक्के का आटा
सर्दियों के सीजन में ज्यादातर लोग मक्के की रोटी और सरसों का साग खाना पसंद करते हैं। इस आटे का इस्ततेमाल खासतौर से सर्दियों में ही किया जाता है। मक्का विटामिन ए, सी, के, बीटा-कैरोटीन और सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों का भंडार है। एनीमिया के रोगियों के लिए मक्का लाभकारी अनाज है क्योंकि यह आयरन युक्त होता है।
रागी का आटा
ठंड के मौसम में रागी का सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इस आटे में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। डायबिटीज के मरीजों को रागी के सेवन की सलाह दी जाती है। आप रागी के आटे को दूसरे आटे के साथ भी मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि बहुत कम लोग इसके फायदों और पोषण संबंधी मूल्य के बारे में जानते हैं। फाइबर युक्त रागी के व्यंजन एनीमिया मरीजों के लिए लाभकारी हैं।