कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया बेहाल है। इस महामारी से निजात पाने के लिए डॉक्टर्स और वैज्ञानिक अपनी तरह से पूरी कोशिशों में जुटे हुए हैं। वहीं डॉक्टर्स के अनुसार बुजुर्गो, डायबिटीज से ग्रसित मरीजों के अलावा स्मोकिंग करने वालों को इस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि स्मोकिंग करने से इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है जिससे वह कमजोर हो जाते है। इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से इस लत से छुटाकार दिलाने के लिए एक पहल शुरू की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की है कि वह दुनिया में तम्बाकू का सेवन करने वाले 130 करोड़ लोगों को इस आदत को छोड़ने में मदद करने के लिए एक पहल शुरू कर रहा है। यह पहल कोविड-19 महीमारी के दौरान शुरू की जा रही है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयसिस ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में कहा, "यह पहल लोगों को निकोटीन रिप्लेसमेंट थैरपी और डिजिटल हेल्थ वर्कर की सलाह जैसी चीजें उपलब्ध कराएगी।"
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, धूम्रपान करने से प्रति वर्ष 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। सबूतों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कोविड-19 संक्रमित होने पर मामले के गंभीर होने आशंका अधिक है।
डब्ल्यूएचओ ने गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) पर संयुक्त राष्ट्र की इंट्राएजेंसी टास्क फोर्स के साथ मिलकर यह पहल की है।
इस पहल में टेक इंडस्ट्री, फार्मास्युटिकल, और पाथ जैसे एनजीओ पार्टनर्स शामिल हैं।
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डब्ल्यूएचओ पहले जॉर्डन में पहल शुरू करेगा और फिर आने वाले महीनों में इसे विश्व स्तर पर लॉन्च करेगा।
इनपुट आईएएनएस
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