A
Hindi News हेल्थ दिमाग पर भी असर डालती है ठंड, उदासी और डिप्रेशन के हो सकते हैं शिकार, विंटर ब्लूज से कैसे बचें?

दिमाग पर भी असर डालती है ठंड, उदासी और डिप्रेशन के हो सकते हैं शिकार, विंटर ब्लूज से कैसे बचें?

Winter Blues: सर्दियों में तनाव, गुस्सा, चिड़चिड़ापन ज्यादा महसूस होता है। ये सीजनल इफेक्ट है, जिसे विंटर ब्लूज कहते हैं। ठंड का मौसम दिमाग पर भी असर डालता है। जानिए विंटर ब्लूज से कैसे बचें?

Winter Blues- India TV Hindi Image Source : FREEPIK सर्दी का दिमाग पर असर

सर्दी के मौसम में जहां सेहत सबसे ज्यादा खराब होती है वहीं मूड स्विंग्स की वजह से भी लोग परेशान रहते हैं। ठंड की वजह से उदासी और डिप्रेशन छाने लगता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है और सूरज की रौशनी कम होने लगती है, इसका असर दिमाग पर पड़ने लगता है। सर्दियों का मौसम अपने साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां लेकर आता है। ठंड के महीनों में कई लोगों को अपनी मानसिक स्थिति में बदलाव नजर आने लगता है। इसे आम भाषा में 'विंटर ब्लूज़' कहा जाता है। ये सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर होता है। जानिए मानसिक स्वास्थ्य पर सर्दी के मौसम का असर क्यों होता है और इसे कैसे कम किया जा सकता है।

  1. धूप कम निकलना- सर्दियों में मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारणों में सबसे बड़ा कारण है धूप कम निकलना। नेचुरल सन लाइट कम होने की वजह से मूड स्विंग्स होने लगते हैं। सूरज की रोशनी हमारी बायलॉजिकल क्लॉक को प्रभावित करती है जिसकी वजह से सेरोटोनिन का प्रोडक्शन कम होने लगता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में आपको उदासी और सुस्ती की फीलिंग आने लगती है, जो लंबे वक्त तक रहने पर डिप्रेशन में भी बदल सकती है।
  2. सोने और जागने का समय बदलना- सर्दी के मौसम में हमारे सर्कैडियन लय में बदलाव आने लगता है। हमारी इंटरनल बायलॉजिकल क्लॉक यानि सोने और जागने का चक्र बदल जाता है। नेचुरल सन लाइट कम होने की वजह से सर्दियों में सुबह लोग लेट सोकर जागते हैं। ऐसे में कई बार लोगों को रात में नींद नहीं आने की समस्या होने लगती है। नींद में खलल पड़ने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जिससे तनाव और चिंता बढ़ने का खतरा रहता है।
  3. व्यायाम और फिजिकल एक्टिविटी कम होना- कड़ाके की सर्दी का मौसम में लोगों की फिजिकल एक्टिविटी काफी कम हो जाती है। लोग बाहर होने वाली गतिविधियों और व्यायाम में शामिल होने से बचते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिना निभाते हैं। शारीरिक गतिविधि कम होने पर सुस्ती छाई रहती है और दिमाग पर असर पड़ता है।
  4. लोगों का मिलना-जुलना कम- ठंड के दिनों में लोगों को मिलना जुलना भी कम हो जाता है। सर्दी की वजह से अक्सर लोग घर के अंदर ही रहना पसंद करते हैं। ऐसे में लोगों का सोशल कनेक्शन कम होने लगता है। सीमित सामाजिक संपर्क मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। ठंड के मौसम और बाहर जाने का मन नहीं करता और अकेलेपन की वजह से अवसाद वाली भावना पैदा होने लगती है।
  5. विटामिन डी कम होना- ठंड के दिनों में शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है, जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा पड़ता है। विटामिन डी कम होने पर हड्डियों में दर्द, सूजन, चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ने लगता है। ऐसे में जब मौका मिले धूप में आधा घंटे जरूर बैठें। विटामिन डी से भरपूर डाइट लें और डॉक्टर की सलाह पर दवाएं भी ले सकते हैं।

थायराइड को कंट्रोल करने का आसान तरीका, सुबह दवा खाने की नहीं पड़ेगी जरूरत

Latest Health News