साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान करना मुश्किल है। इसकी वजह है कि साइलेंट हार्ट अटैक आने पर शरीर में किसी तरह के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। अगर शरीर कुछ संकेत देता भी है तो वो बेहद सामान्य होते हैं जिसे लोग यूं ही नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक भी उतना ही खतरनाक है जितना लक्षणों के साथ आने वाला हार्ट अटैक। इस स्थिति में आपका हार्ट डैमेज होता है। जब दिल तक खून और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आता है। साइलेंट हार्ट अटैक किसी भी वक्त आ सकते है। कई बार सोते हुए साइलेंट हार्ट अटैक के मामले सामने आते हैं।
महिलाओं को होता है सबसे ज्यादा खतरा
एक स्टडी की मानें तो करीब 50% से 80% दिल के दौरे साइलेंट होते हैं। खासतौर से महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। कई बार स्ट्रेस लेने, एकदम से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने या फिर ठंड के कारण भी साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है।
साइलेंट हार्ट अटैक को कैसे समझें, क्या होते हैं लक्षण
शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी का कहना है कि साइलेंट हार्ट अटैक आने पर कई बार कोई भी लक्षण महसूस नहीं होते हैं। हल्का असहज महसूस होना और कई बार किसी बीमारी में भी साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है।
- छाती या पीठ के ऊपरी हिस्से में मांसपेशियों में दर्द होना
- जबड़े, बांहों या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होना
- बहुत थकान और बदहजमी जैसा लगना
दिल का दौरा पड़ने पर लक्षण
- सीने में तेज दर्द
- सांस लेने में कठिनाई।
- शरीर के ऊपरी हिस्से में बेचैनी
- ठंडा पसीना आना
- बहुत थकान महसूस होना
- उल्टी जैसी महसूस होना
साइलेंट हार्ट अटैक क्यों आता है?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से प्लाक बन जाता है जो कोरोनरी आर्टरी में जमा हो जाता है। जब प्लाक पर खून का थक्का बन जाता है, तो यह ऑक्सीजन और खून को हार्ट की मांसपेशियों तक पहुंचने से रोकता है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आता है।
साइलेंट हार्ट अटैक के कारण
- ज्यादा वजन बढ़ना
- एक्सरसाइज न करना
- हाई ब्लड प्रेशर होना
- हाई कोलेस्ट्रॉल होना
- हाई ब्लड शुगर होना
- ज्यादा तम्बाकू खाना
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