चक्कर आना एक आम सी दिक्कत है। जब शरीर में कमजोरी होती है तब भी लोगों को चक्कर होते हैं। जब प्रेगनेंसी होती है तब भी लोगों को चक्कर आते हैं। गैस बनने और पेट सही न होने पर भी लोगों को चक्कर आते हैं। इसके अलावा कई बीमारियों में भी चक्कर आने की स्थिति को महसूस करते हैं। लेकिन, जब सोने के दौरान चक्कर आने लगे तो आपको थोड़ा सावधान होना चाहिए। क्योंकि ये एक गंभीर स्थिति है जिसे आंख बंद करके नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जानते हैं सोते समय चक्कर आने का कारण और हमें क्यों सतर्क रहना चाहिए।
सोते समय चक्कर क्यों आते हैं-Causes of dizziness while sleeping in hindi
सोते समय चक्कर आना वेस्टिबुलर बीमारी से जुड़ी हुई हो सकती है। वेस्टिबुलर समस्याओं के सामान्य कारण जैसे लो बीपी, सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटना, हीमोफिलिया, ब्लड वेसेल्स में रुकावट, मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होना, न्यूरिटिस, ओटिटिस मीडिया, सिर में चोट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में जैसे ही आप सोते हैं सिर में चक्कर आने लगता है।
ये बीमारी है सबसे आम कारण
लेटते समय चक्कर आने के सबसे आम कारणों में है पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (benign paroxysmal positional vertigo)। यह स्थिति तब होती है जब आंतरिक कान में छोटे गुरुत्वाकर्षण-संवेदी क्रिस्टल गलती से कान के कुछ हिस्सों में चले जाते हैं अर्थात्, वे हिस्से जो सिर की गति का पता लगाते हैं। इसकी वजह से अचानक चक्कर आने लगता है। बीपीपीवी से जुड़े चक्कर आने के लक्षण अक्सर तब होते हैं जब आप बिस्तर पर लेटते हैं या करवट बदलते हैं। आमतौर पर ये 10 से 20 सेकंड के बीच रहते हैं।
तो, इन दोनों ही कारणों को नजरअंदाज न करें। क्योंकि ये एपिसोड विचलित कर सकते हैं और खतरनाक भी हो सकते हैं, क्योंकि इसमें व्यक्ति गलती से बिस्तर से लुढ़ सकता है या फिर अचानक गिरने से उसे चोट लग सकती है। तो, अगर ये लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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