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आखिर क्या है सरोगेसी? किस तरह होता है बच्चे का जन्म, कानूनी पक्ष भी जानिए

सेरोगेसी में तीन लोग शामिल होते हैं। एक महिला जिसका एग इस्तेमाल होगा। एक पुरुष जिसका स्पर्म इस्तेमाल किया जाएगा और तीसरी महिला जो अपनी कोख में बच्चे को पालेगी। इस तीसरी महिला को सरोगेट मदर करते है।

जानिए क्या होता है सरोगेसी और कैसे होता है बच्चे का जन्म- India TV Hindi Image Source : INSTRAGRAM/FANATKA_NEWBORN जानिए क्या होता है सरोगेसी और कैसे होता है बच्चे का जन्म

संतान की ख्वाहिश जब किन्हीं कारणों से पूरी नहीं हो पाती तो लोग सरोगेसी का सहारा लेता है।  भारत में पिछले कुछ सालों में सरोगेसी का चलन बढ़ा है। आसान भाषा में कहा जाए तो सरोगेसी में दूसरी महिला की कोख के जरिए बच्चे का जन्म कराया जाता है। सरोगेसी की मदद से भारत में कई सेलेब जैसे करण जौहर, तुषार कपूर, एकता कपूर, शिल्पा शेट्टी सहित स्टार माता-पिता बने हैं। जानिए सेरोगेसी के बारे में कुछ खास बातें।

क्या है सेरोगेसी?

सरोगेसी  दरअसल वो प्रक्रियाी है जिसमें में कोई कपल अपनी संतान पैदा करने के लिए तीसरी महिला की कोख का इस्तेमाल करता है। यह कोख किराए पर भी ली जा सकती है और आपसी सहमति से भी हो सकता है। यानी एक महिला के एग्स, पुरुष का वीर्य और गर्भाशय तीसरी महिला का। ये पूरी प्रक्रिया अनुभवी डॉक्टरों की निगरानी में होती है और इस प्रक्रिया को ही सरोगेसी कहा जाता है।

सोगेसी की प्रक्रिया में पहली महिला के गर्भाशय में अंडे निषेचित होने के बाद एक अवधि पर इन अंडो को महिला के गर्भ से निकालकर दूसरी स्वस्थ महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। जहां पर उस अंडे का पूर्ण विकास होता है और एक निश्चित समय पर बच्चे का जन्म होता है। ऐसी स्थिति में जो महिला अपने कोख से बच्चे को जन्म देती हैं वह सरोगेट मदर कहलाती है। 

सरोगेसी में एक महिला और बच्चे की चाह रखने वाले कपल के बीच एक एग्रीमेंट साइन होता है। जिसमें लिखा होता है कि बच्चे के पैदा होने के बाद वो कपल ही कानूनन माता-पिता होगे। 

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सरोगेसी के प्रकार

आपको बता दें कि सरोगेसी 2 तरह की होती है।

ट्रेडिशनल सरोगेसी- इस सरोगेसी में पिता का स्पर्म सरोगेसी वाली महिला के अंडों से मिलाया जाता है। इस सरोगेसी में जेनेटिक संबंध सिर्फ पिता से रह जाता है। 

जेस्टेशनल सरोगेसी- इस सरोगेसी में माता-पिता के स्पर्म और अंडे का एक मेल टेस्ट ट्यूब के जरिए सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। 

किन परिस्थितियों में सरोगेसी का ऑप्शन

  • अगर आपका बार-बार आईवीएफ फेल हो रहा हो।
  • बार-बार गर्भपात हो रहा हो।
  • गर्भ में किसी तरह की विकृति होने पर
  • गर्भाशय का अभाव होने पर
  • भ्रूण आरोपण उपचार में विफलता
  • दिल संबंधी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर अगर महिला को प्रेग्नेंसी के समय हेल्थ समस्या होने का डर हो।

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