आजकल हर किसी की जिंदगी में तनाव और टेंशन ने अपनी जगह बना ली है। कितना भी चाहो कोई न कोई ऐसा करण बन जाता है जिससे दिमाग में स्ट्रेस होने लगता है। यही स्ट्रेस कई खतरनाक बीमारियों की भी वजह बनता जा रहा है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि शरीर के अंदर भी ऐसी कई चीजें है जो आपके स्ट्रेस लेवल को हाई करती हैं। यही कंडीशन है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, जो शरीर को अंदर से बीमार और बूढ़ा बना सकता है। दरअसल यह ऐसा स्ट्रेस होता है जो बाहरी स्ट्रेस और टेंशन से काफी अलग होता है। ये हमारी बॉडी के अंदर बनता है। अगर समय रहते ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम नहीं किया तो इसका असर आपकी सेहत और स्किन पर दिखने लगता है। ये स्ट्रेस आपको समय से पहले बूढ़ा बना सकता है। जानते हैं क्या होता है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इससे कैसे बच सकते हैं।
क्या होता है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस? (What is oxidative stress)
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस यानि शरीर में मौजूद मुक्त कणों और एंटीऑक्सीडेंट के बीच तालमेल खराब होना। जिसका परिणाम कोशिका और ऊतकों को झेलना पड़ता है। इससे कोशिकाओं और ऊतकों को हानि पहुंचती है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का असर त्वचा के बाहरी हिस्सों पर तो दिखाई देता ही है साथ ही कई तरह की क्रोनिक कंडीशन पैदा करता है। लंबे समय तक ऑक्सीडेटिव तनाव में रहने से कैंसर, डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
दरअसल हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाएं मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया के दौरान फ्री रेडिकल्स यानि मुक्त कणों का उत्पादन करती है। यही कोशिकाएं एंटीऑक्सीडेंट भी पैदा करती हैं, जो फ्री रेडिकल्स पर भी असर डालती हैं। हमारा शरीर एंटीऑक्सीडेंट और मुक्त कणों के बीच बैलेंस बनाए रखने में समर्थ होता है। लेकिन कई बार ऐसी कंडीशन भी होती है जब ये बैलेंस बिगड़ जाता है। इसी कंडीशन को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहते हैं। इसकी कई वजह हो सकती हैं जैसे आपकी डाइट, लाइफस्टाइल पॉल्यूशन और रेडिएशन के संपर्क में आना।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कैसे कम करें
- हेल्दी डाइट लें और लाइफस्टाइल ठीक करें
- खाने में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों का सेवन करें
- ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाएं
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करते रहें
- रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें
- ज्यादा ड्रिंक और स्मोकिंग से बचें
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