लाइपोमा क्या है और इसे कैसे पहचानें? जानें स्वामी रामदेव से इस बीमारी का उपचार
लाइपोमा की बीमारी को नजरअंदाज करना कई बार आपके लिए भारी पड़ सकता है। इसलिए स्वामी रामदेव से जानें लाइपोमा को कैसे पहचानें।
बीमारी में परेशान ना होना अलग बात है। लेकिन, बीमारी को इग्नोर करना बेवकूफी है जैसे लाइपोमा इस बीमारी में हाथ-पैर, गर्दन, कमर या शरीर के किसी भी हिस्से में गांठें उभर आती है जिन्हें बहुत से लोग सीरियस नहीं लेते। किसी भी बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए हालांकि लाइपोमा की गांठे खतरनाक नहीं होती और अमूमन कैंसरस भी नहीं होती। लेकिन, अगर लापरवाही हुई तो कब कैंसर का खतरा बढ़ जाए, कह नहीं सकते। लोग तो ये भी सोच रहे होंगे कि ये गांठे बनती क्यों हैं। दरअसल इसका सीधा कनेक्शन मेटाबॉलिज़्म से जुड़ा है। इसके अलावा शुगर, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल और जेनेटिक ट्रांसफर भी इन गांठों की वजह हो सकते हैं। ऐसे में ये कैसे पहचाने कि कौन सी गांठ खतरनाक है, कौन सी नहीं और क्या इनका इलाज है।
ऐलोपैथ में तो इसका सीधा सा जवाब है सर्जरी, जिसका खर्चा 25 हज़ार से लेकर 1 लाख रूपये तक आता है, साइड इफेक्ट्स का डर रहता है सो अलग। जब स्वामी रामदेव आयुर्वेदिक तरीके से इन गांठों से छुटकारा दिला सकते हैं तो खामखां पैसा खर्च कर ये ऑपरेशन-सर्जरी करानी ही क्यों है। स्वामी रामदेव से ही इनका इलाज जानते हैं
लाइपोमा क्या है?
स्किन का सबसे कॉमन ट्यूमर
सभी गांठ कैंसर नहीं
1% से भी कम मामलों में कैंसर
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लाइपोमा कैसे पहचानें?
गर्दन, कंधे, हाथ, कमर,
पेट पर होती है
गांठ में ज्यादा दर्द नहीं होता
नस पर दबाव से हल्का दर्द होता है
ज्यादातर 1.2 इंच से बड़ी नहीं होती
गांठ को इग्नोर ना करें
डॉक्टर को दिखाएं
अगर उम्र 40 साल से ज्यादा है
अगर गांठ लगातार बढ़ रही है
गांठ 1.2 इंच से बड़ी है
अगर गांठ बहुत सख्त है
गांठ के साथ दूसरे लक्षण भी हैं
रोज़ योग के फायदे
एनर्जी बढ़ेगी
बीपी कंट्रोल
वजन कंट्रोल
शुगर कंट्रोल
नींद में सुधार
बेहतर मूड
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