शरीर में चोट लगने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन चोट लगने पर अगर आपका खून देर तक बहता है और खून का थक्का जमने में भी देरी होती है तो आप ब्लीडिंग डिसऑर्डर (bleeding disorder) की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। ऐसा ब्लड में प्रोटीन और प्लेटलेट्स की कमी के कारण हो सकता है। खून में प्रोटीन होता है जो ब्लड के थक्के बनाने के लिए छोटी कोशिकाओं, जिन्हें प्लेटलेट्स कहा जाता है, के साथ काम करते हैं। कोई भी समस्या जो थक्के बनाने वाले कारकों या प्लेटलेट्स को प्रभावित करती है, ब्लीडिंग डिसऑर्डर (bleeding disorder) कारण बन सकती है। इस समस्या में चोट लगने या फिर सर्जरी होने के बाद ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के कारण (Causes of Bleeding Disorders)
- शरीर में विटामिन के (Vitamin K) की कमी के कारण ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो सकता है।
- शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से भी ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या होती है।
- कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण भी ब्लीडिंग डिसऑर्डर होता है।
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर की बीमारी आनुवंशिक भी हो सकती है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of Bleeding Disorders)
- अगर आपको पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है तो ये ब्लीडिंग डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है।
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर में नाक से अक्सर खून निकलता है।
- इस समस्या में छोटी चोट में भी ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
- बच्चे के जन्म के बाद ज्यादा ब्लीडिंग होना।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर का इलाज (Bleeding Disorder Treatment)
ब्लीडिंग डिसऑर्डर का कोई खास इलाज अब तक नहीं है लेकिन अलग-अलग समस्याओं को जानने के बाद डॉक्टर इसका इलाज करते हैं। ब्लीडिंग डिसऑर्डर अलग-अलग तरह का होता है और सभी का इलाज भी अलग तरह से किया जाता है। इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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