इंसान हो या उपरवाले का बनाया कोई भी जीव खाना सभी की ज़रूरत है। लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि आज के वक्त में खाना खाने के मामले में जीव-जन्तु इंसानों से कहीं ज़्यादा होशियार हैं तो हो सकता है ऐसा सुनकर लोगों को हैरानी हो और शायद बुरा भी लगे कि खानपान में पढ़े-लिखे मॉडर्न इंसानों की तुलना birds और animals से कैसे की जा सकती है। यहां मकसद किसी को टारगेट करना नही है। लेकिन आज की लाइफस्टाइल का सच तो यही है कि इंसान खाने-पीने के नियम-कायदे भूल गए हैं और इसी वजह से ज़्यादातर लोग बीमार रहने लगे हैं।
यहां हम बात कर रहे हैं कि शरीर कि प्रकृति के हिसाब से डाइट कैसे चुने। क्योंकि लोगों की सेहत तीन दोषों यानी वात पित्त और कफ के घटने बढ़ने पर निर्भर करती है । लेकिन इसके लिए तो ये भी जानना ज़रूरी है कि आखिर वात्त, पित्त और कफ होते क्या हैं और शरीर में इनका काम क्या है । वात पित्त और कफ वो बायोलोजिकल एनर्जी हैं। जो हमारे बॉडी को चलाती हैं । अगर इनमें से एक भी एनर्जी इम्बैलेंस हुई तो समझिए बीमार पड़ना तय है।
शरीर के जितने भी अंग हैं उन्हें स्पीड देने का काम यही वात पित्त और कफ करते हैं। हाई बीपी, शुगर, ओबेसिटी, थायराइड, सर्दी-जुकाम और एसिडिटी ये सभी रोग त्रिदोष इम्बैलेंस होने से ही होते हैं। जिन लोगों को गैस की प्रॉब्लम होती है। ड्राइनेस रहती है, कमज़ोरी ज़्यादा महसूस होती है, उनमें वात्त दोष ज़्यादा होता है। अगर सीने में जलन, एसिडिटी की दिक्कत हो तो समझिए शरीर में पित्त दोष बढ़ा हुआ है। तो कफ दोष वालों को हर वक्त थकान और शरीर में भारीपन रहता है।
इन तीन दोषों को जानकर अगर उनका बैलेंस बनाए रखें तो बार बार बीमार पड़ने के साथ कई खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। तो अपने शरीर का नेचर कैसे जाने और त्रिदोष को कैसे शांत रखें जानिए स्वामी रामदेव जी से
शरीर के तीन दोष
- वात दोष हवा से जुड़ा है
- पित्त दोष आग से जुड़ा है
- कफ दोष पानी से जुड़ा है
क्या होता है वात,पित्त और कफ
- शरीर की बायोलोजिकल एनर्जी
- एनर्जी बॉडी को चलाती है
- शरीर के अंगो को स्पीड देती हैं
वात, पित्त, कफ की जगह
- सिर से चेस्ट तक का हिस्सा - कफ दोष
- चेस्ट से कमर तक का हिस्सा - पित्त दोष
- कमर से पैर तक का हिस्सा - वात दोष
पित्त बैलेंस करने के लिए क्या खाएं ?
- घी
- खीरा
- शिमला मिर्च
- एलोवेरा जूस
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